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भारत का आपरेशन बालाकोट?

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नरेश दीक्षित

भारतीय वायु सेना के मिराज लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर में बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैस ए मोहम्मद के ठिकानों पर भरी बमबारी कर उन्हे नष्ट कर दिया था। इसकी पुष्टि इसकी पुष्टि विदेश सचिव विजय गोखले ने की है। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पुनः जैश ए मोहम्मद एक और आत्म घाती हमला करना चाहता था। फलस्वरूप भारत को कार्यवाई करनी पड़ी।
दुसरे दिन पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ़ काय॔ वाई करने के बजाय हमारी सीमा में लडाकू विमान भेज दिए जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। इस तरह किसी के न चाहते हुए भी युद्ध जैसी स्थित पैदा हो गई। नतीजा यह हुआ उसके एक विमान को मार गिराया गया लेकिन इस    कार्यवाही में भारत का एक मिग विमान क्रैश हुआ और उसके पाइलट अभिनंदन को पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया।
इस बीच पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुला ली जिसके पास परमाणु हथियारों का नियंत्रण,अभियान से जुड़े हुए कमांड तैनाती का जिम्मा है। संभव है यह भारत को डराने के लिए हो? पाकिस्तान परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है चूँकि परंपरागत युद्ध में वह भारत के सामने टिकता नही है।
पाकिस्तान और भारत के बीच यह तनातनी पूरी दुनिया के लिए बेहद खतरनाक है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार है जिसमें बड़ी संख्या में डर्टी बंम की है ये अत्यधिक खतरनाक है। दो देशों के बीच एटमी युद्ध शुरू हो जाने के बाद उसका दायरा सीमित करने या उसे बीच में रोकने का कोई मैकेनिज्म अभी तक नही बना है। लिहाजा भारत-पाक तनाव को उस दिशा में न बढने देने की फ्रिक अभी से दुनिया को करना चाहिए।
कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अलग-थलग करना होगा तो कभी पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल करना होगा और कभी-कभी पर्दे के पीछे बातचीत भी करनी होगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि आप अपना दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पडोसी नही बदल सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान को अलग हुए लगभग 70 साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन रिस्ते आज तक सामान्य नहीं हो पाये विभाजन के रूप में हमने आजादी की बहुत बड़ी कीमत चुकायी है विभाजन के दौरान हुई हिंसा में लगभग 5 लाख मारे गये थे और करीब 1.5 करोड़ लोगों को अपना घर वार छोड़ कर शरणार्थी बनना पड़ा था।
दुनिया में आजादी की इतनी बड़ी कीमत कहीं और अदा नही करनी पड़ी है अतः इतिहास के इस काले अध्याय को हमें विस्मृत नहीं करना चाहिए। इसलिए हमें संयम बरतना पडेगा और पाकिस्तान जो आपने देश में मुश्किलें झेल रहा है उसे भी भूलना नहीं चाहिए। सत्तर वर्ष का इतिहास एक दिन में बदला नहीं जा सकता है। उसे दुरूस्त करने के लिए कदम उठाने होंगे।
वर्तमान सरकार की इस नीति में कि पाकिस्तान से वार्तालाप नहीं हो सकता,जबतक उसकी तरफ से आतंक वाद पर अंकुश न लगाया जाए इस नीति पर सरकार को पुनः विचार करना पड़ेगा। साथ ही साथ पुराने मुद्दों को ठीक से समझने के तरीके निकालने पड़ेगे। अटल जी के जमाने में दोनों देशों के बीच शांति सुलह के जो कदम उठाए गए थे हमें उन्ही नीतियों को अपनाने की कोशिश करना चाहिए।
देश की भड़काऊ मीडिया को भी संयम से काम लेना चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाक संसद में घोषणा की है कि भारत के गिरफ्तार पायलट को कल भारत को सौंप देगा, भारत से हम शांति चाहते हैं युद्ध नहीं। इमरान की यह पहल दोनों देशों के बीच शांति के लिए अच्छी पहल है भारत को इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए।

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