नरेश दीक्षित
संपादक (समर विचार)
लखनऊ। गैर राजनैतिक संस्था ‘लोक प्रहरी’ के श्री एस एन शुक्ला पूर्व आई ए एस द्वारा सरकारी सम्पत्तियों पर से कब्जा मुक्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी जिसमें प्रदेश के कई मुख्य मंत्रियो ने राज्य सम्पत्ति विभाग के भारी भरकम बगलो पर मुख्य मंत्री न रहने के बाद भी काबिज थे तथा पुरे सरकारी ताम झाम का मुफ्त में फायदा उठा रहे थे।
7 मई 2018 को याचिका को सुनकर कोट॔ ने अपने आदेश में राज्य सम्पति विभाग उत्तर प्रदेश को निर्देश देते हुए कहा है कि पूर्व मुख्य मंत्रियों के बंगले तुरंत खाली करा लें। कोट॔ के इस आदेश से पूर्व मुख्य मंत्रियो में हड़कंप मच गया है। कोट॔ ने उस कानून को भी रद्द कर दिया है जिसमें काबिज बंगलो में रहने के लिए कानून बना लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सम्पति विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस भेज कर बंगले खाली करने को कहा है।
कोर्ट के इस आदेश से सबसे अधिक परेशान मुलायम सिंह यादव लग रहे है इनके तथा बेटे अखिलेश के पास 4 व 5 विक्रमादित्य माग॔ पर बड़ी बड़ी कोठियां है जिन्हे पूर्व में पंच बंगलिया के नाम से जाना जाता था मुलायम सिंह के मुख्य मंत्री के काय॔ काल में तोड़कर बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से घबड़ाकर मुलायम सिंह यादव अपनी अरदास लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी पास गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के कारण उन्होने भी हाथ खड़े कर दिए है।
