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मोदी के झूठ-फरेब के चार साल

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नरेश दीक्षित
संपादक (समर विचार)

मोदी सरकार के चार साल पुरे होने पर दिल्ली से लेकर भाजपा शासित राज्यो में जश्न का माहौल है। लेकिन इसी खुशी के बीच प्रश्न है कि आम जनता की उम्मीदें कहा तक पुरी हुई, क्या अच्छे दिन के वादे पूरे हुए या नही? वैसे मोदी के भाषणो से देश की जनता को उम्मीदें बहुत थी और यह माने जाने लगा था कि देश में जल्द ही सब ठीक हो जाएगा, लेकिन यह क्या हुआ? मोदी के भाषण तो गुजराती कथा वाचको की तरह निकले जो देश के श्रोताओ को अपने लच्छे दार प्रबचनो व वाकपुटता से चार साल तक बांध कर सत्ता का आनंद लेते रहे।
याद करिए चार साल पहले सत्ता में आने के लिए विदेशो से काला धन, किसानों की फसलो का उचित दाम, नारी सुरक्षा, नवयुवक/नवयुवतियों को रोजगार, देश का औद्योगिक विकास आदि इत्यादि अनेको लोक लुभावन वादे किए गए थे लेकिन बीते चार सालों में देश को सिर्फ खर्चीली रैलियों, गढे हुए भाषणों और रेडियो पर मन की बात और जुम्मलो के अलावा देश को हासिल क्या हुआ है?

मोदी जी ने बनारस में कहा था कि मां गंगा ने बुलाया है, फिर गंगा सफाई का क्या हुआ 20 हजार करोड़ रुपए की गंगा सफाई योजना में चार साल में सिर्फ13 प्रतिशत ही ख॔च कर पाए वह भी इसमें अधिकांश काय॔ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया आखिर में सीएजी और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गंगा सफाई का काय॔ उमा भारती से हटा कर नितिन गडकरी को सौंपा गया है।
नारी सुरक्षा का दावा करने वाली मोदी सरकार में देश की नारियों के साथ बलात्कार ,दुष्कर्म छेड़खानी की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। बेटी बचाओ बेटी, पढ़ाओ के नारे के नाम पर देश की बेटियों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है मोदी सरकार ने बेटियों के बजट पर 5 पैसा प्रति बेटी का प्रावधान किया गया है। देश भर में दलित भी प्रताड़ित एवं अपमानित किए जा रहे है। मोदी सरकार ने राजीव गाँधी आवास योजना का नाम बदल कर।
सबसे अधिक जरूरत मंदो को दो करोड़ घर देने का वादा किया। चार वर्षो के बाद भी केवल 3 लाख 33 हजार घरो का निर्माण किया गया । मोदी ने देश के युवाओ को 2 करोड़ रोजगार प्रति वर्ष देने का भी वायदा किया था लेकिन सरकार केवल 4,16 लाख रोजगार ही प्रति वर्ष उपलब्ध करा पा रही है । सरकार की गलत नीतियो के कारण अब विदेशो तक में भारतीयों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है । मुद्रा योजना पर सरकार बड़ी बड़ी बाते करती है हकीकत यह है कि 90 % लोन की औसत राशि मात्र 23000 हजार रुपए है क्या इस राशि से कोई व्यापार स्थापित किया जा सकता है?
काले धन पर मोदी ने कहा था कि हर भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपए आयेंगे काला धन आना तो दूर था हजारो करोड़ रुपए का सफेद धन नीरव मोदी, मेहुल चौकसी लेकर विदेश भाग गए । बैको का एन पी ए 2,5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 8,5 लाख करोड़ पहुंच गया है हालत यह हो गई है बैंको के पास बैंके चलाने के लिए पैसो की कमी होती जा रही है। देश के अधिकांश भागो में एटीएम खाली रहने लगे है।
मोदी सरकार की मेकिंग इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया आदि दम तोडती योजनाएँ भी मोदी सरकार की नाकामी की पहचान बन गई है। सीमाओं पर हमारे सैनिको, नागरिको पर लगातार हमले हो रहे है चीन भी भारतीय सीमाओ के निकट सैनिक साजो-सामान एकत्र कर रहा है लेकिन सरकार मौन है। राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर भी मोदी चुप्पी साधे हुए है।

नोटबंदी, जीएसटी, खनन, महंगाई इत्यादि की मार से देश जनता हलाकान है । मोदी सरकार द्वारा लघु मध्यम समाचार पत्रो पर थोपे गए जी एस टी के कारण बंदी की कगार पर पहुंच गए है वही कार्पोरेट मीडिया घरानो को प्रश्रय दिया जा रहा है। यदि देखा जाए तो मोदी ने देश को कोई सौगात दी है तो सिर्फ लच्छे दार प्रबचन?
नरेश दीक्षित संपादक समर विचार

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