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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में पुनः विलंब

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नरेश दीक्षित
संपादक (समर विचार)

योगी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरु कराने में विफल होती जा रही है। जनवरी 2017 के विड को वर्तमान सरकार ने निरस्त कर पुनः विड आमंत्रित की थीं जिसे कुछ दिन पूर्व खोला गया था।
एक्सप्रेस वे आठ पैकेज पर काम करने वाले विल्डरो का चयन लोएस्ट तौर पर कर लिया गया जिसमें मेसर्स एन सी सी लिमिटेड, मेसर्स एवको इंफ्राटेक प्रा लि, मेसर्स एल एंड टी लिमिटेड, पी एन सी इंफ्राटेक लिमिटेड, मेसर्स गायत्री लिमिटेड, मेसर्स एफकांस लिमिटेड, मेसर्स रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कुल आठ कंपनियों की फाइनेंशल विड खोल दी गई।

दिनांक 5 जून 2018 को लखनऊ से गाजीपुर तक का पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को बनाने वाली कंपनियों का विड निरस्त करते हुए पुनः विड आयोजित की जायेंगी। यह फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया है।
बार बार विड निरस्त करना, आमंत्रित करना धीरे-धीरे समय बढ़ता जा रहा है समय से काय॔ शुरू न होने के कारण इसकी लागत में वृद्धि होना लाजिमी है।
ज्ञातव्य हो कि दिनांक 12-1-2017 को खोले गए विड पैकेज वार वित्तीय प्रस्ताव के अनुसार वेट लगाकर कुल 15157,99 करोड़ रुपए आई थी इसे निरस्त कर दिया गया था।
पुनः जब आठ कंपनियों विड पड़ी और खोली गई तो लागत बिना जी एस टी के 13134,9 करोड़ रुपए आई और जी एस टी जोड़ कर 16812, 62 करोड़ रुपए आ रही है।
जबकि सरकार कम लागत में बनाने का दावा करती आ रही है यह तभी संभव प्रतीत होता है जब निर्माण कार्य अंतरराष्ट्रीय मानको की अनदेखी कर बनाया जाए।

यदि वष॔ 2017 में पड़ी विड व 2018 में योगी सरकार में पड़ी विड का अन्तर देखा जाए तो 1654,63 करोड़ रुपए अधिक लागत आ रही है । योगी सरकार के अधिकारी चाहते है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में किसी भी दशा में जनवरी 2017 में पड़ी विड से कम आना चाहिए ताकि योगी सरकार में अपनी वाह वाही लूट सकें? लेकिन सरकार और उनके अधिकारियों को यह समझ में नही आ पा रहा है कि जैसे जैसे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में विलंब होगा निर्माण कास्ट बढती जायेंगी।
यदि योगी सरकार के अधिकारियो ने दिमाग से काम लिया होता तो यह एक्सप्रेस वे 2019 के चुनाव तक बन कर लगभग तैयार हो जाता जिसका लाभ जनता को मिलने के साथ ही सरकार को भी चुनावी लाभ मिल सकता था? लेकिन अब निर्माण कार्य समय से पूण॔ होना मुमकिन नहीं हैं।

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