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नीति आयोग और न्यू इंडिया

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डॉ दिलीप अग्निहोत्री


प्रजातन्त्र में राजनीतिक मतभेद स्वभाविक है। केंद्र और राज्यों में विभिन्न पार्टियों की सरकार बनती है। लेकिन  लोगों के कल्याण और विकास के मुद्दे पर दलगत सीमा से ऊपर उठकर विचार करना चाहिए । अन्यथा राजनीति के चक्कर में वह अपने प्रदेश के लोगों के साथ अपना भी नुकसान करते है।
संविधान निर्माता ऐसे ही सहयोगी संघवाद की कल्पना करते थे। नीति आयोग ने इस संवैधानिक भावना के अनुरूप कार्य किया है। इसमें राज्यों की भागीदारी और हिस्सेदारी बहुत बड़ी है। यह राज्यों पर निर्भर रहता है कि वह नीति आयोग की उदारता का कितना लाभ लेने का प्रयास करते है।
कुछ राज्य राजनीति को तरजीह देते है। वह केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का मजाक बनाते है, तन्ज कसते है। इससे न तो प्रदेश का विकास होता है ,न उनकी लोकप्रियता कायम रहती है। नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक में यह तय हुआ कि राज्यों को विकास और आपदा सहायता कार्यो में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश  को विकसित बनाने के लिए एक टीम के रूप में प्रयास करने का निर्णय किया गया। नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक का आयोजन किया। प्राकृतिक यात्रा से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आश्वासन भी दिया कि बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार उन्हें सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेगी।

नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल ने टीम इंडिया की तरह काम किया है। सभी राज्यों को जीएसटी के लिए धन्यवाद दिया गया। इस वित्तीय साल में सभी राज्य ग्यारह लाख करोड़ रुपये की मदद पा रहे हैं।जो पिछले साल से छह लाख करोड़ ज्यादा है विकास दर की दोगुनी करना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
भारत के पास योग्यता, क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है। नोटबंदी और जीएसटी का मुद्दा भी उठाया गया। गौरतलब है  कि दो दिन चलने वाली इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री शामिल हुए। इसमें न्यू इंडिया दो हजार बाइस का एजेंडा दिया गया। उस पर काम करने की रणनीति भी बताई गई।
इस बैठक में बैठक में उत्तर प्रदेश ने सबका विशेष ध्यान  आकर्षित किया।  मुख्यमंत्री योगी ने अपनी पन्द्रह  महीने की सरकार की उपल्बिधां गिनाईं । पन्द्रह महीने की इन्ही उपलब्धियों को सराहना मिली। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने दो हजार बाइस तक उत्तर प्रदेश के विकास का रोडमैप पेश किया।
पन्द्रह महीने की उपलब्धियों के आधार पर यह माना जा सकता है कि उत्तर प्रदेश न्यू इंडिया की मजबूत कड़ी बनेगा। अल्पावधि में ही योगी सरकार ने प्रधानमंत्री शहरी और ग्रामीण आवास, खाद्य उत्पाद और खरीद, उज्ज्वल योजना, कौशल विकास, शौचालय निर्माण, राज्य स्वास्थ नीति संबन्धी रिकार्ड बनाये है।
प्रदेश में बीस नए कृषि विज्ञान केंद्र और सौ कृषि कल्याण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। सौ मंडी समितियों में किसानों के लिए ई-नाम योजना लागू की गई है। इसमें  अठ्ठाइस लाख किसानों तथा इकतीस हजार व्यापारियों को पंजीकृत कराया गया है।
जेवर हवाई अड्डे के निर्माण के अलावा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में हवाई सेवाओं के विस्तार, स्कूली बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती, ई-टेंडर व्यवस्था, निवेश के लिए नई नीतियां बनाने, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना पर तेजी से अमल हो रहा है।
सरकार ने अब तक बत्तीस हजार  करोड़ रुपये से अधिक का  गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। दो नई चीनी मिलों की स्थापना की जा रही है। इस वर्ष प्रदेश में ग्यारह हजार लाख मीट्रिक टन गन्ने की रिकॉर्ड पेराई की गई। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए इस वर्ष अब तक पचास लाख टन गेहूं की खरीद की गई है।
विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से उन्नीस लाख उनतीस हजार हैक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित करने पर काम हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना पर शुरू कर दिया काम मुख्यमंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के प्रथम चरण में श्रावस्ती के सिरसिया ब्लॉक के सभी उनतीस  उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा।
द्वितीय चरण में इलाहाबाद, बस्ती, बरेली, मेरठ, झांसी, फर्रुखाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, मिर्जापुर तथा सीतापुर के  तीन सौ उपकेंद्रों पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तृतीय चरण में प्रदेश के चिह्नित आठ अति पिछड़े  जिलों में साठ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित होंगे।
बाकी जिलों में तीस तीस उपकेंद्रों तथा सात सौ  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों दो सौ पच्चीस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आरोग्य केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। मुख्य ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक एक करोड़  चौरानबे लाख परिवारों के व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं। बाकी चौहत्तर लाख परिवारों को इस वर्ष दो अक्तूबर तक शौचालय उपलब्ध कराकर उत्तर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहा। आवास योजना ग्रामीण  में उत्तर प्रदेश ने गत वर्ष आठ लाख पच्चासी हजार लाख स्वीकृत आवासों का निर्माण कराकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में एक लाख आवासों का निर्माण किया जा रहा है।
डिफेंस कॉरिडोर से नौकरियों की बहार मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर से बुंदेलखंड का पिछड़ापन और गरीबी दूर होगी। बीस हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और ढाई लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। लखनऊ से गाजीपुर तक तीन सौ चालीस किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो हजार इक्कीस तक पूरा किया जाएगा।
रिकॉर्ड विद्युत कनेक्शन दिए गए। पिछले चार वर्षों में औसतन प्रतिवर्ष चौदह हजार मजरों के मुकाबले एक वर्ष में वर्ष इकसठ हजार से अधिक मजरों को विद्युतीकृत किया गया है। गत वर्ष छियालीस लाख से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया। सौभाग्य योजना के तहत एकअड़सठ लाख  ग्रामीण तथा तीन लाख नगरीय घरों को विद्युत कनेक्शन दिया गया है।
अगले वर्ष तक एलईडी में बदल जाएंगी पन्द्रह लाख स्ट्रीट लाइटें लगा दी जाएगी। कौशल विकास के लिए चार विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। जिसमें विभिन्न रोजगार परक पाठ्यक्रम चलाये जायेगे। सरकार डिफेंस उत्पाद नीति भी बना रही है। कॉरिडोर में रक्षा के वह सभी उत्पाद तैयार किये जायेंगे ,जो सुरक्षा के लिए जरूरी व उपयोगी होंगे। निश्चित ही नीति आयोग की बैठक में योगी आदित्यनाथ की भूमिका बहुत प्रभावी और उपयुक्त थी।
उत्तर प्रदेश के विकास का लक्ष्य लेकर वह बैठक में शामिल हुए थे। इस लक्ष्य से कहीं भी विचलित नहीं हुए। केंद्र और नीति आयोग के साथ बेहतर सामंजस्य बना कर वह उत्तर प्रदेश की स्थिति सुधारना चाहते है। विकास के धरातल पर सभी प्रदेशों को नीति आयोग के सहयोगी रुख का लाभ उठाना चाहिए।

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