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नौजवान अचंभे में था, जब उसे कामरेड लेनिन के बारे में बताया गया

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नरेश दीक्षित
संपादक (समर विचार)

मई दिवस पर जब एक उत्सुक नौजवान को बताया गया कि लेनिन सारी दुनिया के मजदूरो किसानो का नेता था जिसने मार्क्सवाद पर चल कर मानवता के इतिहास में पहली बार 1917 में ऐसे समाज की स्थापना की जिसमें न सिर्फ सभी इंसान बराबर थे, बल्कि औरत-मर्द की बराबरी पर किसी तरह के विवाद के बिना उन्हे बराबर माना गया। याद रहे 1917 के पहले वहाँ की महिलाए वोट के हक के लिए संघर्ष कर रही थी उन्हे यह बराबरी मिली नही थी।
लेनिन की अगुवाई में पहली बार मानवता ने एक ऐसा देश देखा जहां हर बच्चे को निशुल्क शिक्षा दी जाती थी। लेनिन की अगुवाई पहली बार मानवता ने एक ऐसा मुल्क बनते देखा जहां सबको रोजगार दिया गया। बेरोजगारी का सवाल ही नही था। लेलिन की अगुवाई में पहली बार एक ऐसा मुल्क बनते देखा जहां एक घर हर नागरिक का अधिकार था। जिसने पहली बार कहा कि हम हर तरह की जंग के खिलाफ है। (पहले हमला न करने का वसूल)
Comrade Lenin
Comrade Lenin
लेनिन की अगुवाई मे पहली बार एक ऐसा मुल्क बनते देखा जहां देश की सम्पत्ति को जनता की सम्पत्ति माना गया, जहां अम्बानी, अडानी, टाटा, बिरला जैसो की लूट की छूट पर प्रतिबंध था। लेलिन से प्यार और उनकी इज्जत करने के लिए उनकी संकलित रचनाओं को पढने की जरूरत नही है अगर पढे तो अच्छा दिमाग की कई परते खुल जाएंगी।
लेनिन की इज्ज़त करने के लिए इतना ही काफी है कि यह जान लें कि लेनिन के विचारो और जिन्दगी ने मानवता पर ऐसा असर डाला कि सोवियत संघ के बाद दुनिया वैसी नही रही जैसे पहले थी। आज सत्ता में आने के लिए हर राजनेता को, हर पार्टी को रोटी, कपड़ा और मकान का वादा करना पडता है चाहे वह अडानी के पैसे से चुनाव क्यों न लड़े। झूठ ही सही लेकिन यह वादा तो करना ही होता है। लेनिन ने मानवता को पहली बार दिखाया कि रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा का ख्वाब सबको पूरा किया जा सकता है। यह है लेलिन की देन।
(गौरह रजा की वाल से)

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