Tevar Times
Online Hindi News Portal

बांदा की मलाला चाहती है बच्चियों में शिक्षा का अलख जगाना

0
बांदा। पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई तालिबान के हमले के बाद भले ही दुनिया की नजरों में आ गई हों और नोबेल पुरस्कार से नवाजी गई हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के बांदा शहर की गौसिया किसी ‘मलाला’ से कम नहीं है।

मलाला को मुस्लिम बच्चियों में शिक्षा की अलख जगाने खातिर तालिबान के हमले का शिकार होना पड़ा था, लेकिन यहां तो परिजन ही ’तालिबान’ बने हुए हैं।
23 साल की गौसिया को तीन माह से नजरबंद कर उसके परिजन जबरन निकाह कराने पर तुले हैं। लेकिन इस मलाला ने हिम्मत दिखाते हुए नजरबंदी की जंजीरें तोड़कर कॉपी-किताबों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुधवार को धरना दिया और कहा, मैं नेट परीक्षा देकर प्रोफेसर बनना चाहती हूं और हर धर्म की बच्चियों को शिक्षित करना चाहती हूं।
उसने कहा, मेरे अब्बू तीन माह से मुझे नजरबंद कर मेरे साथ मारपीट कर रहे हैं और आगे की तालीम छोड़कर जबरन निकाह करना चाहते हैं।“
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक ने मामला कोतवाली पुलिस के हवाले कर आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए उसके परिजनों से कोतवाल को बात करने की सलाह दी।
अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार ने कहा, “गौसिया ने अपने परिजनों के खिलाफ एक शिकायत पुलिस अधीक्षक को संबोधित करते हुए मुझे दी है, जिसमें उसने तीन माह तक नजरबंद रखने और आगे की पढ़ाई बंद कर जबरन निकाह कराने की बात कही है।
उसने अपनी शिकयत में यह भी कहा है कि वह नेट परीक्षा देकर प्रोफेसर बनना चाहती है और सभी धर्म की बच्चियों को शिक्षित करना चाहती है।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच को नगर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया है और पुलिस उसके परिजनों से बात कर मामला सुलझा लिया जाएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More