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मंगलमय रहा सावन का अंतिम सोमवार, दूर हुए सभी कष्ट विकार

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राजधानी लखनऊ में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो सबसे ज्यादा शिव मंदिर ही है। इनमें से कई ऐसे मंदिर है जिनकी अपार मान्यता है। आइये जानते है आज लखनऊ के उन ही मंदिरों के बारे में:

सदर महादेव मंदिर:

मान्यता है की सावन के महीने में पूजा करना बहुत शुभ होता है। शिवलिंग 175 वर्ष पुराना है और इसमें स्थानिय लोगो की अपार श्रद्धा है।

बुद्धेश्वर मंदिर:

यह मंदिर मोहान रोड पर स्तिथ है। यहां रुद्राभिषेक करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है की यह मंदिर लक्ष्मण जी द्वारा स्थापित है।

मनकामेश्वर मंदिर:

गोमती नदी एवम नदवा कालेज के पास स्तिथ मनकामेश्वर प्रदेश के कुछ सबसे प्रसिध शिव मंदिरों में से एक है। यह मंदिर राजा हिरण्यधनु द्वारा स्थापित है। मन की सभी इच्छायें इस मंदिर द्वरा पूरी होती है इसिलिए इसी मनकामेश्वर मंदिर कहा जाता है।

कोतवालेश्वर महादेव:

यह मंदिर पुराने लखनऊ की चौक कोतवाली के पास स्तिथ है। मंदिर सिध्पीठ के रूप में मशहूर है और दूर के जिलों एवम प्रदेशों से लोग यहां दर्शन के लिये आते है।

झग्डेश्वर महादेव:

राजा बजार की डेग वाली गली स्तिथ महादेव मंदिर का नाम झग्देश्वर पड़ा क्योकी मान्यता है की यहां हर तरह के झगड़े शांत हो जाते है। मंदिर का जीडोधार 1938 में किया गया।

कोनेश्वर मंदिर:

चौक में स्तिथ कोनेश्वर मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में स्थापित है। मान्यता है की मंदिर की स्थापना कौटिल्य ऋषि ने की थी। ऐसी मान्यता है की मंदिर में लक्ष्मण जी ने पूजा किया था मंदिर परिसर के बाहर दूध एवम मिष्ठान की कई दुकानें है जो अपनी शुद्धता एवम गुडवत्ता के कारण प्रसिद्ध है।

सिद्धनाथ मंदिर:

यहियागंज नादान महल रोड पर स्तिथ सिद्धनाथ मंदिर अति प्रसिद्ध है। स्थानीय निवासी एव्म नेता मधुकर मिश्रा उर्फ माथुर भइया बताते है की खुदाई के दौरान यह शिवलिंग प्रकट हुआ और एक बार इसकी गहराई नापने के लिये पुना खुदाई हुई लेकिन गहराई नहीं नापी जा सकी।
सभी त्योहारो में यहां मेले का आयोजन होता है जिसकी वजह से मंदिर में अनूठी रौनक रहती है। कल सावन का अंतिम सोमवार था और श्रधालुओ के दर्शन के लिये खास सुरक्षा इंतेज़ाम किये गये थे। श्रवण मास का समापन रविवार 26 अगस्त शाम 5:30 बजे होगा।

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