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शराब का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने पीटा

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एटा। एटा (Etah) में थाना कोतवाली देहात के गांव नगला कदम यूं तो लंबे समय से कच्ची अवैध शराब की खास पहचान रखने वाला गांव है, लेकिन बीती रात अवैध कच्ची शराब निर्माता एवं तस्कर का विरोध करने वाले गांव के ही एक परिवार को उस समय महंगा पड़ गया, जब उस पर माफिया ने अपने साथियों के साथ जानलेवा हमला कर दिया। हमले की सूचना पर पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बंद कर दिया।

Police have beaten people who are protesting against alcohol in Etah
Police have beaten people who are protesting against alcohol in Etah

नगला कदम निवासी प्रेम किशोर पुत्र पीतांबर एकराय होकर अवैध शराब के खिलाफ शराबबंदी मुहिम में अहम भूमिका निभाता रहा है। जो आरोपी शराब तस्कर कालीचरन निवासी नगला पदम थाना कोतवाली देहात के मुख्य टारगेट पर था।

बीती रात यही सब हुआ कि कि कालीचरण पुलिस मुखबिरी से और उसके शराब विरोधी रवैया से इस तरह बौखला गया कि अपने साथियों सहित पीतांबर व उसके दो अन्य परिजनों पर जानलेवा हमला कर दिया।

इसकी शिकायत करने पीडित थाने गया तो थाना पुलिस ने मौके पर जाकर उसी को पकड लिया और जमकर मारापीटा और दोनों पक्षों को उठाकर थाने में बंद कर दिया।

पुलिस अभिरक्षा में पीतांबर की हालत इतनी बिगड़ गई कि थाना पुलिस को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ा। डाक्टर ने प्राथमिक उपचार देने के पश्चात हालत नाजुक देखते हुये अन्यंत्र रेफर कर दिया।

घायल पक्ष का कहना है कि पीड़ित की रिपोर्ट भी नहीं लिखी गयी है, पुलिस अबैध शराब कारोबारी की खुलेआम मदत कर धडल्ले से शराब विकबा रही है जबकि पूरा गांव इस अबैध धन्धे के खिलाफ है।

इस प्रकरण को लेकर घायल के परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए अस्पताल मे बिरोध प्रकट किया, मौके पर विधायक सदर विपिन वर्मा डेविड ने पहुंचकर आक्रोशितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।

सारे मामले को देखकर पुलिस की लापरवाही सामने आती है कि तमाम सूचनाओं के बाद इस अवैध शराब की तस्करी पर कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही थी? लेकिन जिला अस्पताल में उपस्थित पीतांबर के परिजनों और गांव वालों ने एक हैरतअंगेज दास्तान बता डाली, जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह गया।

कहा कि आरोपी दबंग तस्कर की मदद बरसों से कोई और नहीं एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के स्टेनो उसके हर अच्छे बुरे काम में संरक्षण देते चले आ रहे हैं इस गंभीर आरोप में कितनी दम है क्या सच है और क्या झूठ यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन विषय कम गंभीर नहीं है क्योंकि एक खास कुर्सी पर गंभीर सवाल उठे, तो बुद्धिजीवियों में एक खास चर्चा का विषय बन गया है।

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