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600 से अधिक पक्षियों के साथ 07 पक्षी तस्कर गिरफ्तार, तीन फरार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) राजधानी लखनऊ में दशकों से चले आ रहे अवैध पक्षी व्यापार में लिप्त 07 तस्करों (Bird Smugglers) को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इन तस्करों के पास से कई प्रजातियों के 600 से अधिक पक्षी बरामद किए गए है। हालाकि मौके तीन तस्कर भाग निकला, जिनकी पहचान कर ली गई है। सभी तस्कर लखनऊ के ही रहने वाले हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ अभिषेक सिंह ने रविवार को बताया कि पकड़े गए तस्करों (Bird Smugglers) में पिता राजपति बहेलिया, बेटा कैलाशपति बहेलिया, श्यामधन बहेलिया, कैलाश बहेलिया, राजेन्द्र बहेलिया, कल्लू कुरैशी निवासीगण थाना सआदतगंज, लखनऊ और मेराज अंसारी निवासी थाना ठाकुरगंज, लखनऊ है। वही फरार हुए इनके साथी रामकुमार बहेलिया, लाला और रामऔतार है।

जिनकी तलाश की जा रही है। इन लोगों के पास से 108 तोते, 425 मुनिया, 35 तीतर, 137 बटेर, 04 गौरैया, 65 जंगली कबूतर, एक-एक महोख, जंगली कौवा, फाख्ता व बगुला, 15 हारिल, 02 सलेहरी, 21 टुइयां और 02 बया, 1,62,170रुपए की नगदी, पांच मोबाइल बरामद हुए।

एसएसपी ने बताया कि यूपी वन विभाग के पुलिस महानिरीक्षक ने एसटीएफ को पुराना लखनऊ व चौक क्षेत्र में व्यापक स्तर पर अवैध पक्षियों की तस्करी और बिक्री किए जाने की सूचना दी थी और इस मामले में सहयोग मांगा था। उसके बाद से जांच कर रही टीम पक्षी तस्करों पर नजर रख रही थी।

प्रारम्भिक पड़ताल में अहम जानकारिया जुटाने के बाद निरीक्षक राजेश चंद्र त्रिपाठी व हेमन्त भूषण के नेतृत्व में गठित टीम ने तस्करों की गहन नगरानी शुरू कर दी। टीम को पता चला कि तोतों की कई प्रजातियां जनपद खीरी, सीतापुर व शाहजहांपुर से लाई जाती है।

परिन्दों की सर्वाधिक मांग का पक्षी सिनेबाज है, जिसकी आपूर्ति प्रायं बांदा, चित्रकूट के जंगलों से होती है। यह भी पता चला की पकड़े गए लोग का सम्बन्ध पटना व कोलकाता के व्यापारियां से भी हैं, जहां ऊंचे दामों पर इन पक्षियों की सप्लाई की जाती है।

टीम जांच कर रही थी, तभी शनिवार को एक सटीक सूचना पर जनपदीय पुलिस को साथ लेकर एसटीएफ व वन विभाग की संयुक्त टीम ने थाना चौक क्षे़त्रांतर्गत नक्खास में पक्षी बिक्री के स्थानों पर अचानक छापेमारी की और वहां से इन सातो तस्करों को पकड़ा।

पूछताछ पर कैलाशपति बहेलिया ने बताया कि वह अपने पिता राजपति के साथ पिछले कई वर्षों से पक्षियों का कारोबार करता है। उसके बंधे हुये बहेलिया आपूर्तिकर्ता हैं, जो मांग के अनुसार चिड़ियों का शिकार कर उपलब्ध कराते हैं, जिन्हें ऊंचे दामों पर बेचकर अवैध मुनाफा कमाता है।

कैलाशपति ने बताया कि इस बाजार के सबसे पुराने व्यापारी रामऔतार व लाला हैं जो आज छापा पड़ते समय अपनी अपनी दुकानों से भाग गये हैं। रामऔतार का लड़का श्यामधन बहेलिया हम लोगों के साथ पकड़ा गया है।

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वन विभाग के मुताबिक रामऔतार पर पहले भी अवैध पक्षी व्यापार के सम्बन्ध में 07 मुकदमे दर्ज हैं। लाला व राजकुमार पर भी कई मुकदमे दर्ज होने की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तस्करों के विरूद्ध अवध वन प्रभाग, लखनऊ के सिटी रेंज, कुकरैल में आईपीसी की धारा 2/9/39,49,50 व 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर कर कार्यवाही की जा रही है।

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