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कुख्यात अपराधी बग्गा सिंह का हुआ एनकाउंटर

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  • एक लाख का था ईनामी बदमाश

  • एसटीएफ व पुलिस की टीम ने मुठभेड़ के दौरान किया ढेर

लखीमपुर-खीरी। 10 सितम्बर 2013 को पुलिस अधीक्षक आवास से चंद कदम की दूरी पर स्थित दीवानी न्यायालय के गेट से सिपाही की हत्याकर फरार हुए बग्गा सिंह (Bagga Singh) का आखिरकार एनकाउंटर करने में पुलिस कामयाब रही। फरार होने में मदद देने वाले साथी सचिन गुप्ता उर्फ डालू को दो साल पहले पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।

dies one lakh prize criminal bagga singh in encounter
dies one lakh prize criminal bagga singh in encounter

बग्गा की मौत के साथ ही उसका आतंक खत्म हो गया। मुठभेड़ निघासन कोतवाली क्षेत्र की पुलिस चौकी पढुआ से कऱीब एक किलोमीटर की दूरी पर हुई। बताया जाता है कि बग्गा सिंह अपने एक साथी के साथ बुधवार सुबह करीब आठ बजे हीरो मोटर साइकिल नंबर यूपी41सी-0417 से बहराइच की तरफ से आ रहा था।

बाइक बग्गा स्वयं चला रहा था। तभी पहले से घात लगाए बैठे एसटीएफ लखनऊ के जवानों ने उसे रोकने की कोशिश की। जिस पर वह तेज रफ्तार में ब्रेक लेकर बाइक को पलट दिया और फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया। लेकिन पहले से सतर्क एसटीएफ जवानों ने घेराबंदी कर लिया।

दोनों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग हुई। इसी दौरान बग्घा का एक साथी मौका पाकर हवाई फायरिंग करते हुए भागने में सफल रहा जबकि बग्गा को जवानों ने मौके पर ही मार गिराया। मौत की पुष्टि के लिए एसटीएफ टीम उसे सीएचसी निघासन ले गई जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

बग्गा सिंह की मुठभेड़ में मारे जाने की चर्चा पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में लोग घटना स्थल पर इक-ा हो गए। उधर सूचना पाकर कई थानों की पुलिस के अलावा फारेंसिक टीम, क्राइम ब्रांच और एसपी एस.चनप्पा ने भी घटना स्थल पहुंच कर एसटीएफ के जवानों से पूछताछ करते हुए बारीकी से जायजा लिया।

मौके से एक पिस्टल, एक हाथ घड़ी, मफलर, टोपी और मोटर साइकिल बरामद हुई है। मारा गया शातिर अपराधी बग्गा सिंह पर विभिन्न थानों में हत्या और अपहरण व लूट के कऱीब दो दर्जन मामलों में वांटेड था और उसपर एक लाख रुपियों का इनाम घोषित था।

गौरतलब रहे कि बग्गा सिंह हत्या, लूट व बलात्कार जैसे कई मामलों में जेल में बंद था। जेल में ही उसने अपने साथी सचिन गुप्ता उर्फ डालू के साथ मिलकर फरार होने की योजना बनाई। डालू किडनी का रोगी था।

अगस्त 2013 में डायलोसिस कराकर लौटते समय डालू कोतवाली के पास से पेशाब करने के बहाने पुलिस के चंगुल से फरार होने में कामयाब रहा। इस मामले में दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई तो ही पर पुलिस अभी भी इस बात से अंजान थी कि आखिर सचिन गुप्ता का असली मकसद क्या था।

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