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सरकारी विभाग के नाम से फर्जी वेबसाइट बना धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरूवार को लखनऊ से राष्ट्रीय खाद्य एवं बीज भण्डारण परिषद के नाम से फर्जी विभाग व फर्जी वेबसाईट बनाकर हजारों लोगों से लाखों रुपए हड़पने वाले जालसाज गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। थाना गाजीपुर क्षेत्र से पकड़ा गया गिरोह फर्जी वेबसाइट पर कई पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति (विज्ञापन पत्र) डालकर लोगों को धोखाधड़ी रकम वसूल रहे थे। गिरोह का सरगना उच्च शिक्षा प्राप्त है, वह एमबीए के अलावा एलएलबी की डिग्री ले चुका है।

आरोपियों के पास से 03 मोबाईल, सीपीयू, मानिटर, राष्ट्रीय खाद्य एवं बीज भण्डारण परिषद से सम्बन्धित प्रपत्र, रजिस्टर, 07 एटीएम, 02 पैन कार्ड, प्रिन्टर कलर, 07 आवेदन पत्र, 08 पोस्टकार्ड 06 पुस्तके,  08  बीजों के नमूने, दो चेक बुक, मोहर, आधार कार्ड और डीएल बरामद हुए हैं।
यूपी एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि पकड़े गए लोगों में दो सगे भाई संदीप मिश्रा व राज कुमार मिश्रा निवासी इन्दिरानगर, थाना गाजीपुर लखनऊ है। जो मल रूप से ग्राम व पोस्ट कृष्णपुरा, थाना दोकटी, जनपद बलिया के रहने वाले हैं। वहीं तीसरा अरोपी आलोक मिश्रा निवासी रजनीखण्ड थाना-आशियाना, लखनऊ, मूल निवासी  थाना-दशाश्वमेघ, जनपद वाराणसी है।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ को खबर मिली थी सरकारी विभाग से मिलता जुलता विभाग बनाकर अन्तर्राज्यीय स्तर पर आनलाईन फर्जी वेबसाईट ूूण्दिेबण्वतह बनाकर (राष्ट्रीय खाद्य एवं बीज भण्डारण परिषद) यूपी, उत्तराखण्ड व अन्य प्रदेशों के सैकड़ों अभ्यर्थियों से 1100 रुपए प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से आनलाईन व आफलाईन आवेदन-पत्र विभिन्न पदों पर पंजीकरण करा ठगी की जा रही है। इस मामले में लखनऊ के गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। छानबीन में जुटी एसटीएफ को
पता चला कि लखनऊ के थाना गाजीपुर अन्तर्गत सेक्टर-19/227 इन्दिरा नगर, स्थित मकान में फर्जी राष्ट्रीय खाद्य एवं बीज भण्डारण परिषद का संचालन किया जा रहा है। गठित टीम आज वहा दबिश दी। वहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थी व उनके अभिभावक एकत्रित थ। लोगों से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि संदीप मिश्रा इस फर्जी परिषद का मुख्य संचालक है।
संदीप ने पूछताछ में बताया कि प्रति अभ्यर्थी सर्वप्रथम आवेदन शुल्क लेकर फार्म भरवाया जाता है और नियुक्ति का प्रमाण-पत्र देने पर पद अनुसार एक लाख से पॉच लाख तक नगद व अपने खाते में जमा करवाते है। कई महीनों से इस तरह की धोखाधड़ी की जा रही है। अब तक सैकड़ो अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी कर लाखो रूपये वसूले जा चुके हैं।
एसएसपी ने बताया कि वह एमएससी, एमबीए, यूपीटीयू से कम्प्यूटर कोर्स एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा प्राप्त कर चुका है। उसने बताया कि वेबसाईट कोलकाता में रहने वाले उसके चचेरे भाई ने डिजाइन की है। एसएसपी ने बताया कि वेवसाइट पर चालक, चपरासी से लेकर भण्डारण नियंत्रक प्रखण्ड अधिकारी तक के पदों के लिए नियुक्तियां निकाली जाती थी और उनका वेतन का निर्धारण 16 हजार से 64 हजार तक किया गया था।
एसएसपी ने बताया कि इस वेबसाईट के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता की गयी तो पता चला कि इस नाम से कोई परिषद का गठन नहीं किया गया है न ही कोई मान्यता प्रदान की गयी है। वेबसाईट फर्जी है एवं सरकारी विभाग की वेबसाइट से होती है।

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