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स्मार्ट सिटी के लिए चयनित 07 शहरों में विकास कार्य शुरू कराने को गंभीर शासन

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लखनऊ। स्मार्ट सिटी (Smart City) के लिए चयनित उत्तर प्रदेश के शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए सूबे का शासन इन दिनों गंभीर होता दिखायी दे रहा है।

Serious rule to start development work in 07 cities selected for Smart City
Serious rule to start development work in 07 cities selected for Smart City

यही कारण है कि प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि वर्तमान में स्मार्ट सिटी (Smart City) के लिए चयनित लखनऊ, आगरा, कानपुर, वाराणसी, झांसी, अलीगढ़ तथा इलाहाबाद शहरों में आवश्यक कार्य कराने के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक आयोजित कर शीघ्र परियोजना स्वीकृत कराये तथा समय सीमा निर्धारित कर नियमानुसार पूर्ण करायें।

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के विभिन्न स्तरों के कार्य की समयसीमा निर्धारित कर प्राथमिकता से कराते हुए 31 मई, 2018 तक पूर्ण करना सुनिश्चित कराई जायें।

मुख्य सचिव सोमवार को अपने कार्यालय में स्मार्ट सिटी मिशन की बैठक कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे।

बैठक में स्मार्ट सिटी के लिए चयनित उक्त शहरों के अतिरिक्त अन्य शहर गाजियाबाद, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ एवं रायबरेली को भी स्मार्ट सिटी चयन के लिये चतुर्थ चरण की प्रतियोगिता हेतु भारत सरकार को संस्तुति भेजने के संबंध में विचार किया गया।

प्रमुख सचिव, नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी की अखिल भारतीय प्रतियोगिता में लखनऊ को फास्ट टै्रक राउण्ड में भारत सरकार द्वारा चयन किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में आगरा, कानपुर, बरेली तथा तीसरे चरण की प्रतियोगिता में झांसी, अलीगढ़ एवं इलाहाबाद शहर चयनित हो चुके हैं।

श्री सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी (Smart City) योजना का मुख्य उद्देश्य शहरों का आर्थिक विकास कर नागरिक जीवन को बेहतर बनाना है।

उन्होंने कहा कि चयनित शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ई-गवर्नेन्स एवं सिटीजन सर्विसेज, वेस्ट मैनेजमेन्ट, वाटर मैनेजमेन्ट, एनर्जी मैनेजमेन्ट, अर्बन मोबिलिटी विकसित कराना है।

उन्होंने कहा कि चयनित शहरों में विशेष तौर से सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुये नागरिकों को बेहतर जीवन प्रदान करने हेतु पर्याप्त जलापूर्ति, सुनिश्चित विद्युतापूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सहित सफाई, सक्षम शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन,

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विशेषतः गरीबों के लिये किफायती आवास, सक्षम आईटी कनैक्टिविटी और डिजिटलाइजेशन, सुशासन, विशेषतः ई-गवर्नेन्स और नागरिक भागीदारी, सुस्थिर पर्यावरण, विशेषतः महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य और शिक्षा का विस्तार कराना है।

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