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6 दिसम्बर को आफाक अपने सहयोगियों के साथ मनायेंगे काला दिवस

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लखनऊ। राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता के संयोजक मो0 आफाक ने सामाजिक संगठनों के साथ शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। दौरा करके नदवा इलाके में उपस्थित जनता से बताते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद को शहीद हुए 25 वर्ष हो रहे हैं।

Black day will celebrate with Aafak colleagues on 6th December
Black day will celebrate with Aafak colleagues on 6th December

बाबरी मस्जिद के हत्यारों को न अभी तक सजा मिली, न कोई कठोर कार्यवाही हुई। बल्कि मुस्लिम आतंकवादियों के नाम पर पकड़े गये लोगों को सजा भी हुई और फांसी भी हुई।

मगर 1992 में जिन आतंकवादियों द्वारा 6 दिसम्बर को बाबरी मस्जिद शहीद की और करवाई गई उनको अभी तक बजाए इंसाफ मिलने के हुकूमतों में हिस्सेदारी मिली।

मो0 आफाक ने आगे जनता से कहा कि आज वर्तमान में चलने वाली सरकार असल में यह आर0एस0एस0 और नाथू राम गोडसे की ही सरकार है जो अपनी मनमानी पर आमादा है।

राम-राम चिल्लाने वाले लोग मेरा यह मानना है कि उनको अपने राम पर विश्वास ही नहीं तभी तो मशीनों में गड़बड़ी कराकर 2014 से जितने भी चुनाव हुए खास तौर से आर0एस0एस0 के इशारे पर चलने वाली भाजपा के ही पक्ष में गये।

जब भी बटन दबा कमल ही का बटन खिला, न पंजा, न हाथी, न सायकिल, न पतंग, न सूरज, न हैण्डपाइप आदि पार्टियों के पक्ष में कोई भी वोट नहीं गया और हमारी भारत की भोलीभाली जनता कहती रही कि हमने तो भाजपा को वोट दिया ही नहीं खास तौर से दलित, पिछड़ा, मुस्लिम, यहां तक कि हिन्दू भाइयों ने भी कहा कि हमने भाजपा को वोट नहीं दिया।

जिसका परिणाम मशीनों की गड़बड़ी द्वारा देखा गया। मो0 आफाक ने अपने सहयोगियों के साथ अंत में यह भी कहा कि राम का नाम लेकर जो अपनी सियासत चमका रहे हैं हिन्दू भाई यह जान लें कि ये राम के भी नहीं हैं।

हर धर्म मानव कल्याण के जाना जाता है, विनाश के लिये नहीं। गलत ढंग से सत्ता हासिल करना राम के नाम को बदनाम करना भारत के वातावरण को खराब करना यह देशभक्तों की निशानी नहीं है यह सामंतवादी साम्प्रदायक ताकतों की निशानी है।

6 दिसम्बर को काला दिवस (Black Day) जरूर मनायें क्योंकि साम्प्रदायिक ताकतों ने बाबरी मस्जिद को शहीद करने के लिए 6 दिसम्बर का दिन इसलिए चुना क्योंकि संविधान के महानायक बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी का निर्वाण दिवस है इसीलिए गद्दारों ने 6 दिसम्बर को संविधान की धज्जियां उड़ाई।

6 दिसम्बर 2017 को पूरे लखनऊ शहर में साम्प्रदायिक ताकतों (आतकवादियों) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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