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लगभग तीस हजार मतदाताओं के नाम गायब!

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विधायक कृष्णा पासवान का नाम भी मतदाता सूची से नदारत

फतेहपुर। बुद्धवार को सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के तीसरे चरण के मतदान की तैयारियों में व्यापक खामियां प्रकाश में आयी हैं। पूरे जिले में कई हजार मतदाताओं के नाम सूची से गायब होने से जहां हडकम्प मचा रहा वहीं मतदाताओं में खासी निराशा भी देखी गयी।

nearly thirty thousand voters names disappeared in Nikay Chunav
nearly thirty thousand voters names disappeared in Nikay Chunav

बडी बात यह है कि चुनाव आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढाने के प्रति गम्भीर है। बावजूद इसके स्थानीय स्तर के जिम्मेदारों की चूक के चलते लोकतंत्र में अहम स्थान रखने वाले मताधिकार से लोगां का वंचित रहना बदस्तूर जारी है।

मोटे अनुमान के तहत जनपद के सभी पांच नगर पंचायत व दो नगर पालिका क्षेत्रों में तीस हजार से अधिक मतदाताओं के नाम निर्वाचन नामावलियों से गायब रहे। जिनमें बडी संख्या फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र की है।

सवाल यह उठता है कि इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है और क्यों लोकसभा, विधानसभा और फिर नगर पालिका चुनाव में इतनी बडी तादात में लोगों के नाम गायब होने के पीछे राज क्या है और जिम्मेदारों पर निर्वाचन आयोग या शासन कडी कार्यवाही के प्रति क्यों गम्भीर नहीं है।

निकाय चुनाव (Nikay Chunav) की मतदाता सूची की गड़बड़ी वोट की चाहत रखने वाले मतदाताओं को निराश होना पड़ा। मतदान केन्द्रों में पहुचने के बाद मतदाताओं को नाम कटने की जानकारी मिली। जिससे मतदाता निराष हो गये।

सूची में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जहां गायब हैं, वहीं तमाम मतदाताओं के नाम दूसरे वार्ड की सूची में दर्ज है। ऐसे मतदाता अपने बूथ में वोट नहीं डाल पाएें। शहर सहित खागा, बिदकी, जहानाबाद, किशुनपुर, हथगाम व बहुआ में सूची की गड़बड़ी सामने आई है। विधान सभा में वोट कर चुके कई नामी-गिरामी हस्तियों के नाम सूची से हटा दिए गए है।

खागा की भाजपा विधायक कृष्णा पासवान के पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से गायब है, हालांकि पिछले बार उन्होने मतदान किया था। भाजपा विधायक ने तत्काल जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त से मोबाइल पर वार्ता किया और नाम कटने की जानकारी देते हुये बीएलओ समेत संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

भाजपा विधायक ने बताया कि पिछले बार निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में उन्होने पटेल जूनियर हाईस्कूल में मतदान किया था, इस बार पटेल जूनियर हाईस्कूल को मतदान केन्द्र नहीं बनाया गया, वहां के मतदाताओं का वोट विश्व भारती गर्ल्स इण्टर कालेज में पड़ा है।

पूरी मतदाता सूची को देखा गया लेकिन उनका व उनके परिवार का कहीं नाम नहीं था। उन्होने कहा कि बड़ी संख्या में नाम काटे गये हैं। मतदाता सूची में नामों में गड़बड़ी की गयी है, कही उम्र ज्यादा लिख दी गयी तो कहीं पता व पिता का नाम गलत अंकित किया गया है। जिससे मतदाताओं को परेषानी उठानी पड़ी।

मतदाता सूची में कुल आबादी व मतदाताओं के प्रतिशत के आंकड़े को पूरा करने के लिए बिना जांच के ही मतदाताओं के नाम हटा दिए गए। पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाताओं ने भी सुधि नहीं ली। सूची में यह गड़बड़ी सर्वाधिक शादीपुर, नासेपीर, सिविल लाइन, आवास विकास, देवीगंज, इसाईनपुरवा, पीरनपुर, महाजरी, आदि में है।

इसाइनपुरवा के एक सैकड़ा नाम परिसीमन में अलग किए गए देवीगंज वार्ड में चले गए है। इसी तरह सिविल लाइन के तमाम मतदाताओं के नाम आवास विकास वार्ड में चले गए है। कृष्णा कालोनी में श्याम किशोर के परिवार के आधे सदस्यों के नाम हरिहरगंज में व आधे के नाम इसाइनपुरवा में दर्ज है।

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सिविल लाइन के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश वर्मा का नाम सूची से गायब है। बिंदकी में मीरखपुर में साहित्यकार वेदप्रकाश मिश्र का नाम सूची से नहीं है। जहानाबाद व खागा में कई मोहल्लों में सैकड़ों नाम गायब होने की शिकायत मतदाताओं ने की है।

अंतिम प्रकाशन के बाद सूची में गड़बड़ी सामने आने पर प्रशासन भी कुछ न कर पाने की स्थिति में है। यह माना जा रहा है कि सात निकायों में मतदाता सूची में गड़बड़ी से मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।

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