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असुरक्षित यौन सम्बन्ध एच.आई.वी. संक्रमण का मुख्य कारण ‘ जाटव

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बहराइच। जनपद न्यायाधीश मोहम्मद असलम के निर्देश पर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बहराइच के तत्वावधान में एड्स जागरूकता समिति के सहयोग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में एच.आई.वी. (HIV) एड्स जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

Unsafe sexual intercourse. HIV The main reason for the infection: Jatav
Unsafe sexual intercourse. HIV The main reason for the infection: Jatav

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथिध्सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बसन्त कुमार जाटव ने कहा कि आम लोगों की भांति एच.आई.वी. (HIV) एड्स रोगी भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अन्तर्गत प्रदान की जा रही सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्ति को भी एक आम आदमी की भांति सभी अधिकार प्राप्त हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दरवाजेघ् सभी लोगों के लिए समान रूप से खुले हुए हैं।

उन्होंने लोगों से अपील की कि एड्स रोग को चरित्रहनन से जोड़ कर न देखा जाय। क्योंकि असुरक्षित यौन सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य कई असावधानियों के कारण भी लोग एच.आई.वी. से संक्रमित हो सकते हैं।

एच.आई.वी.ध्एड्स पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उन्होंने सभी लोगों को सुझाव दिया कि नियमित रूप से खून की जॉच करायें और संक्रमण के लक्षण दिखते ही उचित परामर्श लेकर इलाज करायें।

श्री जाटव ने कहा कि एड्स आज विश्वव्यापी समस्या बन चकी है। सार्थक इलाज के अभाव में जागरूकता और सावधानी जैसे अस्त्र-शस्त्र से ही इस जान लेवा बीमारी का सामना किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि एड्स आज भी असाध्य (उपचार है किन्तु निदान नहीं) है, पूर्ण एवं सही जानकारी ही इसका एक मात्र बचाव का उपाय है।

जागरूकता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. योगिता जैन, ए.आर.टी. सेन्टर के चिकित्सक डा. अंशुमान सिंह, शरणम संस्थान के डी.आर.पी. राजेश पाठक, हस्तक्षेप संस्था के आशीष व अन्य चिकित्सकों एवं विषेशज्ञों ने बीमारी, लक्षण, उपचार एवं बचाव तथा विश्व एड्स दिवस आयोजन के उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला।

वक्ताओं ने कहा कि विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य यही है कि एच.आई.वी.ध्एड्स के प्रति लोगों जागरूक किया जाय तथा इस बीमारी के कारण अपनी जान गवाने वाले लोगों को याद किया जाय।

वक्ताओं की ओर से जानकारी दी गयी कि वर्ष 1981 में अमेरिका के राज्य कैलिर्फोनिया में पहला रोगी सामने आया था। जबकि भारत के चेन्नई में वर्ष 1986 तथा उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में वर्ष 1987 में पहला मामला दर्ज किया गया था।

वर्तमान में पूरे संसार में लगभग 333 लाख, भारत में 21 लाख तथा उत्तर प्रदेश में लगभग 1.50 लाख रोगी चिन्हित किये गये हैं।

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