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जहानाबाद में बसपा की जीत ने बढ़ाया आदित्य का कद

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फतेहपुर। जहानाबाद नगर पंचायत से बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रत्याशी राबिया खातून की जीत ने वरिष्ठ पार्टी नेता एवं पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय का कद बढ़ा दिया है।

BSP victory in Jehanabad boosts Aditya's height
BSP victory in Jehanabad boosts Aditya’s height

सियासी हलको में इस जीत को भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए बसपा (BSP) के प्रति बेहतर संकेत माना जा रहा है। पूरे चुनाव के दौरान आदित्य पाण्डेय ने पार्टी उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।

इतना ही नही क्षेत्र में कई दिनों तक डेरा डाल रखा। यहॉ पर तीन मुस्लिम प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने से भाजपा प्रत्याशी की जीत के दावे किये जा रहे थे।

लेकिन पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय ने ब्राम्हण मतदाताओं को बसपा (BSP) प्रत्याशी की ओर ऐसा मोड़ा कि पार्टी उम्मीदवार राबिया खातून ने समाजवादी पार्टी के गढ़ को चकनाचूर कर दिया। बताते चलें कि पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय का जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में काफी प्रभाव है।

खासकर ब्राम्हण वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। आदित्य पाण्डेय वर्ष 2007 के चुनाव में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। तेज तर्रार छवि होने के कारण विधानसभा ही नही जिलेभर का ब्राम्हण उन्हे अपना नेता मानने से पीछे नही है।

बताते चलें कि ब्राम्हणों की हित की जब भी बात आती है तो श्री पाण्डेय बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाते हुए राहत दिलाने का काम करते है।

निकाय चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाली नगर पंचायत जहानाबाद में डेरा जमा दिया था।

पार्टी उम्मीदवार की घोषणा होते ही वरिष्ठ बसपा नेता हाफिज अनवारूल हक ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अनवारूल हक ने अपनी पत्नी राबिया खानम को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ाया था।

पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय ने ईमानदारी के साथ पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार राबिया खातून के चुनाव प्रचार की कमान अपने हांथों में ले ली थी। नामांकन के बाद से ही पूर्व विधायक ने मुस्लिम मतदाताओं के अलावा अपनी बिरादरी के ब्राम्हण मतदाताओं में पैठ बनानी शुरू कर दी थी।

उल्लेखनीय है कि इस नगर पंचायत से मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में सपा की शमन हसन, कांग्रेस की राबिया खानम भी चुनाव मैदान में थी।

तीन मुस्लिम प्रत्याशियों के मैदान में आ जाने से भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को आसानी से जीत लेने का मंसूबा पाले थी, क्योकि उसे पूरा भरोसा था कि मुस्लिम मतों के बिखराव का उसे लाभ मिलेगा,

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लेकिन पूर्व विधायक आदित्य पाण्डेय ने भाजपा के मंसूबों को तार-तार करते हुए पार्टी उम्मीदवार राबिया खातून को नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन करवाने के साथ ही सपा के कब्जे को भी चकनाचूर कर दिया।

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