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वामपंथी दलों का विद्युुत दरों में वृद्धि का विरोध का फैसला

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लखनऊ। वामपंथी दलों (Vampanthi Dal) ने उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा विद्युत दरों में की गयी बेतहाशा वृद्धि की कड़ी निंदा करते हुए इसका विरोध करने का फैसला किया है।

Vampanthi Dal decide to oppose increase in electricity rates
Vampanthi Dal decide to oppose increase in electricity rates

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) राज्य कार्यालय में वामदलों की एक बैठक सम्पन्न हुई जिसमें यह फैसला लिया गया।

वामदलों की बैठक में योगी सरकार द्वारा प्रदेश की जनता पर विद्युत दरों के बोझ को बढ़ाने के लिए एक बड़ा धोखा और जन विरोधी कार्य बताया गया।

निकायों के चुनावों के परिणामों की घोषणा के बीच भाजपा व उसकी सरकार ने जनता को ऐसा तोहफा दिया जिससे ग्रामीण जनता, किसान तथा शहरी उपभोक्ता अचम्भित और आक्रोशित है।

भाजपा सरकारों का यह दोहरा चरित्र है। एक तरफ सौभाग्य योजना के तहत मोदी सरकार द्वारा घर घर बिजली पहुंचाने का एलान और दूसरी ओर योगी सरकार का यह जनविरोधी फैसला।

इस फैसले का असर यह होगा कि गरीब और किसान बिजली कनेक्शन कटवाने लगेंगे और इस प्रकार जनता को अंधकार युग में ले जाया जायेगा।

वामदलों ने विद्युत दरों में की गयी वृद्धि को फौरन वापस लेने की मांग की है। सरकार यदि इसे वापस नहीं लेती है तो ग्रामीण तथा शहरी जनता के बीच इसके खिलाफ सप्ताह व्यापी अभियान चलाया जायेगा और 20 दिसम्बर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किये जायेंगे।

बैठक में लिये गये एक अन्य निर्णय के तहत वामदल 6 दिसम्बर को बाबरी मस्जिद ध्वंस, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए इस दिन काला दिवस मनायेंगे तथा संविधान निर्माता डा0 भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष का संकल्प भी लेंगे।

बैठक की अध्यक्षता डा0 गिरीश शर्मा ने की। बैठक में सीपीआई, सीपीएम, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लाक तथा एसयूसीआई(सी) के राज्य स्तरीय पदाधिकारी शामिल हुए जिसमें डा0 हीरालाल यादव, अरविंद राज स्वरूप, बृजलाल भारती, पवन कुमार विश्वकर्मा, मो0 जयप्रकाश, डा0 विश्वास आदि प्रमुख लोग रहे।

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