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यूपी के किसानों को खेती-किसानी के गुर सिखाएगी योगी सरकार : शाही

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को खेती-किसानी के गुर सिखाने के लिए 15 लाख किसान पाठशालाएं लगाने जा रही है। इन किसान पाठशालाओं को द मिलियन फारमर्स स्कूल के नाम से जाना जाएगा।

Yogi Government will teach farmers the farmers' farming skills:Agriculture Minister
Yogi Government will teach farmers the farmers’ farming skills:Agriculture Minister

इसके तहत प्रदेश के 10 लाख किसानों को कृषि की आधुनिकतम तकनीक के सम्बंध में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम दो चरण में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में 5 से 9 दिसम्बर के बीच किसानों को प्रशिक्षण मिलेगा।

यह जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री (Agriculture Minister) सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पहले चरण के कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। कृषि वैज्ञानिकों से भी किसान पाठशाला में जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देश में  किसानों को जागरूक करने के लिए यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।

उन्होंने बताया कि रासायनिक खादों का प्रयोग जमीन को नुकसान पहुचा रहा है। इससे खेत की सेहत खराब हुई है। मिट्टी की सेहत खराब होगी तो आदमी की सेहत भी खराब होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को खेती किसानी के तरीके सिखाने के साथ ही कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा।

इसमें किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हे बताया जाएगा कि उरर्वकों का अधिक प्रयोग जमीन की उत्पादन क्षमता को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी मिट्टी के बारे में जानकारी के लिए स्वायल हेल्थ कार्ड दिए है जिसमें मिट्टी में कितना उरर्वक प्रयोग किया जाना है उसकी जानकारी है।

उनका कहना था कि किसान जानकारी के आभाव में उरर्वकों का बेतहाशा प्रयोग करते हैं जो मिट्टी के लिए हानिकारक है। उरर्वक के संतुलित प्रयोग से किसान की खेती की लागत घटेगी और आमदनी भी बढे़गी।

शाही ने बताया कि इन किसान पाठशालाओं में किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि पराली जलाने से खेलों में सूक्ष्म तत्वों तथा लाभदायक कीटों की कमी हो जाती है जो कि उत्पादकता को भी प्रभावित करता है। किसानों को बताया जाएगा कि उन्नतशील और प्रमाणित बीज के प्रयोग से उत्पादन बढाया जा सकता है।

किसानों को जल संरक्षण के तरीके सिखाने के साथ ही यह भी बताया जाएगा कि अधिक पानी का प्रयोग भी खेती के लिए हानिकारक है।

किसान को बताया जाएगा कि कृषि यंत्रों के जरिए बीज की बुआई लाभदायक होती है। इन तरीकों को आजमाने से किसान की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा था कि फसल तंत्र की जगह पर फार्मिंग सिस्टम को डेवलेप करने की जरूरत है।

किसान को सब्जी, फल तथा अन्य फसले उगाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इससे किसान की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही पशुपालन दहलन की खेती, उद्यान की खेती आदि के जरिए किसान की आमदनी को बढाया जा सकता है। इससे किसान की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा।

(Agriculture Minister) शाही ने बताया कि किसान को फसल दैवीय आपदा से बचाने के लिए उसे पीएम फसली बीमा योजना को अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पाठशालाएं खेती लागत को कम करने तथा आमदनी को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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उन्होंने कहा कि किसानों को जानकारी देने का यह अनूठा अभियान है। फरमर्स स्कूल किसानों को नए शोघों तथा नई तकनीक की जानकारी देने में भी मददगार होंगे। उन्होंने कहा कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश में खुशहाली आएगी।

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