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मायावती ने भाजपा पर लगाया घिनौनी राजनीति करने का आरोप

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने सत्ताधारी भाजपा पर जातिवादी, सस्ती व घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि बी.एस.पी. राष्ट्रगान जन गण मन व राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् सहित मातृभूमि का पूरा-पूरा आदर-सम्मान करती है तथा देशहित को पहली प्राथमिकता देती है।

 Mayawati accuses BJP of doing vicious politics
Mayawati accuses BJP of doing vicious politics

मेरठ नगर निगम चुनाव के बाद बी.एस.पी. की मेयर सुनीता वर्मा व अन्य के शपथ-ग्रहण समारोह को राजनीति का अखाड़ा बनाने की कोशिश करने पर बीजेपी की तीखी आलोचना करते हुये मायावती (Mayawati) ने कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह के कार्यक्रम को सरकारी अधिकारियों को ही कानून के हिसाब से उसे संचालित करने के लिये छोड़ देना चाहिये था ताकि सब कुछ सुचारु रुप से हो सके, लेकिन बीजेपी के सदस्यों ने इसके बजाय इसे अपने हिसाब से संचालित करने के क्रम में बी.एस.पी. के विरुद्ध नारेबाजी शुरु कर दी और इसी दौरान वन्दे मातरम् भी गाना शुरु कर दिया।

ऐसे में लोग समझ ही नहीं पाये कि इस अफरातफरी में देशगान भी गाया जा रहा है। इसलिए ऐसे समय में अगर नवनिर्वाचित मेयर सुनीता वर्मा स्वयं खड़ी नहीं हो पायीं तो कम-से-कम अधिकारियों को इसका संज्ञान लेकर उनको बताना चाहिये था कि वन्दे मातरम् गाया जा रहा है।

मायावती (Mayawati) ने अपने बयान में कहा है कि लोकतान्त्रिक परम्पराओं के निर्वहन में बी.एस.पी. कभी किसी से पीछे नहीं रही है और इसी कारण संसद व विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत की जो परम्परा चली आ रही है उसका कभी भी बसपा ने विरोध नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित मेयर व पार्षदों के शपथ-ग्रहण समारोह में वन्दे मातरम् गाने की परम्परा है तो उसका बी.एस.पी. पूरी तरह से अनुपालन करती है। माया ने कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह का संचालन कानूनी तौर से अधिकारियों द्वारा पूरी शान्ति व व्यवस्था के साथ होना चाहिये था, ना कि बीजेपी द्वारा इस समारोह का अपहरण कर बी.एस.पी. को बदनाम करना चाहिये था।

उन्होंने कहा कि यह सर्वथा ग़लत व अशोभनीय है जिसकी बी.एस.पी. कड़े शब्दों में निन्दा करती है।

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मायावती ने भाजपा पर धर्म, देशभक्ति, राष्ट्रवाद, राष्ट्रगण, राष्ट्रगीत आदि के नाम पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि निकाय चुनाव में बीजेपी के आधे प्रत्याशी अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाये, इसके लिए उन्हें अपने अन्दर झाँक कर देखना चाहिये कि जनता उनसे इतनी ज़्यादा क्रोधित व आक्रोशित क्यों हैं?

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