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बुंदेलखंड में राहुल ने पहली बार देखे थे मजदूरों के हाथ में छाले!

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संदीप पौराणिक

झांसी। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बुंदेलखंड रही है, यहीं से उन्होंने गरीबी को करीब से देखा।

rahul gandhi had seen for the first time blisters in hands of workers in bundelkhand
rahul gandhi had seen for the first time blisters in hands of workers in bundelkhand

इतना ही नहीं एक मजदूर से हाथ मिलाते समय उसके हाथ पर उभरे छालों पर सवाल भी पूछा, तब उसने बताया था कि साहब पत्थर तोड़ने, कुल्हाड़ी चलाने से भट्ट (छाले) पड़ जाती है, जो कई बार तो जिंदगी भर यूं ही रहती है। यह वाकया है अब से लगभग छह साल पहले का।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुंदेलखंड का पहला दौरा 2008 में किया था। इस दौरान वे कई गांव में गए, लोगों की फटे हाल जिंदगी देखी।

यहां के हालत को देखने के बाद ही उनकी पहल पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के 13 जिलों में फैले इस इलाके के लिए 7,266 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज 2009 में घोषित किया। यह बात अलग है कि यह पैकेज यहां के हालात नहीं बदल पाया।

वर्ष 2008 के बाद राहुल गांधी के इस इलाके में कई दौरे हुए। वे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के अधिकांश जिलों तक सड़क मार्ग से पहुंचे।

इसके चलते उन्होंने ग्रामीण भारत को समझा होगा, ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है। वे दलित के घर सोए और वहां खाना भी खाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि राहुल जी ने बुंदेलखंड का कई बार दौरा कर यहां की समस्याओं को जाना, गरीबों के दर्द को समझा। इस इलाके के लोगों की दशा और दिशा क्या है, उसे करीब से जाना।

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उन्हें गरीबी और अभाव ग्रस्त लोगों की जिंदगी को नजदीक से महसूस कराने में यहां की मिट्टी का बड़ा योगदान रहा है। यही कारण रहा कि राहुल गांधी ने बुंदेलखंड के लिए वो किया, जो कोई और नहीं कर पाया।

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