Tevar Times
Online Hindi News Portal

विशुद्ध भारतीय परंपरा से खेती खुशहाली का रास्ता : योगी

0

देशी गाय का गोबर हजारों गुना रसायनों से बेहतर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को डॉ. भीम राव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर का उद्घाटन किया।

इस मौके कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर मुख्यमंत्री (CM) योगी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। किसानों को इससे लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यूपी में शून्य लागत से प्राकृतिक कृषि की जा सकती है। प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी में से ज्यादातर संख्या कृषि पर आधारित है। कृषि से सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है।

सीएम (CM) ने कहा कि हम किसान की आय को दोगुना करना चाहते हैं। यह तभी सम्भव है कि भारत की परंपरागत खेती को अपनाया जाए। रसायनों से दूर रहा जाए। रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम खेती है।

उन्होंने कहा कि गाय को ऐसे ही हमारे ऋषियों ने गौ माता नहीं माना है। गौ माता का एक-एक अवयव हमारे लिए उपयोगी है। देशी गाय का गोबर हजारों गुना रसायनों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि विशुद्ध भारतीय परंपरा के अनुसार खेती करेंगे तो खुशहाल हो सकते हैं।

देशी गायों का पालन और उनके गोबर के इस्तेमाल से बेहतर खेती की जा सकती है। गौवंश को खेती से जोड़ा जाए।

उन्होंने कहा कि हम गो माता की तस्करी और कटान नहीं होने देंगे। यह हमारी श्रद्धा का मामला है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं प्रदेश में बड़ी बड़ी गौशालाएं खोली जाएं। स्थानीय स्तर पर समितियां बनाई जाएं।

इसके लिए हर परिवार को एक गाय के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाए। जिससे उस इंसान के जन्म और जीवन दोनों तर जाएंगे।

सीएम (CM) ने कहा कि धरती माता के स्वास्थ्य के बारे में हमने नहीं सोचा। इसके लिए जो प्रयास हो सकता था, वह नहीं हुआ। सॉइल टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं हो रही है।

सीएम (CM) ने नाराजगी जताई कि सॉइल टेस्टिंग का बजट होने के बावजूद कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विश्वविद्यालय कुछ नहीं कर रहे हैं। इनको हजारों करोड़ रुपये का बजट मिल रहा उसके बावजूद कुछ नहीं कर रहे हैं। अगर किया होता तो आज युवा बेरोजगार नहीं होता।

यह पढ़े:- दलित उत्पीड़न व अल्पसंख्यकों के दमन को योगी सरकार ने बनाया यूपीकाका : मायावती

उन्हांने कहा कि यूपी में खेती उर्वरा है पानी की समस्या नहीं है लेकिन फिर भी बुरा हाल है। कहा कि ड्रिप एरिगेशन से खेती करने पर 90 प्रतिशत पानी बचाया जा सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More