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यूपी में दो लाख छात्राएं बनायी जाएंगी पुलिस अफसर

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भदोही। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर अहम फैसला लिया है। उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत 2 लाख छात्राओं को शक्ति परी बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इस दिशा में कार्यवाही की जा रही है। जिन्हें स्पेशल पुलिस आफिसर (SPO) का दर्जा प्राप्त होगा।

स्कूलों में शक्ति परी यानी पावर एन्जेल से सम्बन्धित व महिला सुरक्षा से संबंधित पत्रावली व फार्म भी लिफाफे में भेजे गए हैं। पीड़िता को किसी भी शिकायत के सम्बन्ध में वूमेन पावर लाइन 1090 के बारे में जानकारी देकर शिकायत दर्ज करायेंगी।

प्रदेश में चलाये गये नारी सुरक्षा सप्ताह के दौरान विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापक व प्रबन्धक से सम्पर्क कर योजना के विषय में बताया गया था तथा छात्राओँ को भी इस सम्बन्ध में जानकारी दी गयी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं व छात्राओं की सुरक्षा के सम्बन्ध में एक महत्वाकांक्षी योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसको शक्ति परी (पावर एन्जेल) का नाम दिया गया है। उक्त योजना का उद्देश्य महिलाओं एवं छात्राओं की सुरक्षा के साथ ही उनमें आत्मविश्वास जगाना है।

उक्त योजना में कुछ चयनित छात्राओं को शक्तिपरी के रूप में चिन्हित किया जायेगा तथा उनको विशेष पुलिस अधिकारी का दर्जा दिया जायेगा। पॉवर एन्जिल अर्थात शक्ति परी जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) का दर्जा प्राप्त है।

वीमेन पॉवर लाइन के अन्तर्गत पुलिस एवं समाज के मध्य एक कड़ी के रूप में स्कूल एवं कालेज की छात्राओं को शक्ति परी के रूप में जोड़ा गया है, जिनका मुख्य उद्देश्य महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के प्रति समाज में एक विशेष भूमिका निभाना है।

यह शक्ति परियां न केवल कालेज में पढ़ने वाली लड़कियों के ऊपर होने वाले उत्पीड़न की जानकारी वूमेन पावर लाइन को उपलब्ध करायेंगी। बल्कि ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में पीड़ित महिलाओं के लिये सहारा बनेंगी जोकि अशिक्षा एवं जानकारी के अभाव में अपनी समस्यायें साझा करने में असमर्थ महसूस करती हैं।

यह पूर्णतया एक सामाजिक सेवा है। शक्ति परी बनाये जाने की अधिकतम आयु सीमा 24 वर्ष है। तदोपरान्त ये सेवा स्वतः समाप्त मानी जायेगी। महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों के सम्बन्ध में जागरुक करेंगी। सरकार की यह अच्छी पहल मानी जा रही है।

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