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यूपी में शुरू हुई रंगों की सियासत, हज समिति कार्यालय पर चढ़ा केसरिया

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म की राजनीति के साथ-साथ रंगों की भी सियासत शुरू हो गई है। यूपी की राजधानी में एक-एक करके सरकारी इमारतों का रंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वेश-भूषा के रंग केसरियां में रंगता जा रहा है।

After CM Office, Lucknow's Haj House Gets Saffron Boundary
After CM Office, Lucknow’s Haj House Gets Saffron Boundary

पहले मुख्यमंत्री कार्यालय इसकी मिसाल बना और अब शुक्रवार को राज्य हज समिति कार्यालय केसरियां रंग में रंगने का गवाह बन गया, जो अभी तक सफेद और हरे रंग में नजर आता रहा है। शुक्रवार को हज हाउस (Haj House) की बाहरी दीवारों पर भी भगवा रंग में पुत गया।

हज हाऊस (Haj House) की दीवारों पर केसरियां देख कर मुस्लिम संगठनों, उलेमाओं से लेकर विपक्षी दलों से लेकर एतराज जताया है। उनका कहना है कक सरकार मजहबी जज़्बात को कुरेदने में जुटी है। वहीं प्रदेश सरकार के हज राज्य मंत्री मोहसिन रजा का कहना है कि बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है, ऐसे मामलों को तूल देने की कोई जरूरत नहीं है।

हज समिति कार्यायल को भगवा रंग रंगने का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए अब रंगों का खेल खेल रही है। अभी तक तो आश्रम भगवा रंग में होते थे, ऑफिस की बिल्डिंग नहीं। उन्होंने कहा कि रंगा सियार ज्यादा दिन नहीं छुप पाता है।

वहीं भाजपा सरकार का बचाव करते हुए प्रदेश सरकार के हज राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है, ऐसे मामलों को तूल देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतीक है। अब भवन अच्छा दिख रहा है। विपक्ष के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, लिहाजा वह ऐसे मुद्दों को उछाल रहा है।

मोहसिन रजा के बयान को चाटूकारिता बताते हुए सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि वह सिर्फ चापलूसी कर रहे हैं। मोहसिन रजा को चिंता है कि किसी तरह से कुर्सी बची रहे। उनकी कुर्सी तो उनकी हरकतों के कारण अक्सर ही खतरे में रहती है। साजन ने कहा कि अगर विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है, तो सरकार के पास कौन सा मुद्दा है। क्या विकास हो रहा है।

वैसे बता दे कि रंग की राजनीति नई नहीं है। इससे की सपा और बसपा सरकारों ने भी अपने पसंदीदा रंग से प्रदेश में अपनी छाप छोड़ने की कोशिशें की हैं।

जहां बसपा सरकार में मायावती ने सड़कों के डिवाइडर से लेकर बसों को नीले और सफेद रंग से रंगा दिया था। वहीं सपा सरकार में सड़कों के डिवाइडर और बस के रंग को समाजवादी रंग में रंग दिया गया था। हालांकि इन सरकारों में किसी सरकारी इमारत को अपने रंग में नहीं रंगा था।

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लेकिन योगी सरकार ने सरकारी इमारतों को भी रंगने की परंपरा शुरू कर दी है। ऐसा नही है कि योगी सरकार में भगवा रंग केवल इमारतों पर ही नहीं दिख रहा है, बल्कि मंत्रियों के कपड़े तक भगवा रंग में नजर आने लगे हैं। कई नेता तो जैकेट हो या फिर पगड़ी अक्सर भगवा रंग की पहनने लगे हैं।

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