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पडरौना चीनी मिल की नीलामी हुई, फैसला हाईकोर्ट के हाथ में

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कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पिछले छह वर्षों से बंद पड़ी पडरौना चीनी मिल (Padrauna Sugar Mill) का ताला खुलने का समय अब करीब आ चुका है। शुक्रवार को 25वीं बार नीलामी में शामिल चार कंपनियों में लखनऊ की शोभित शुगर एंड पावर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड ने दूसरी बार भी सर्वाधिक बोली लगाकर तहसील प्रशासन का फैसला अपने हक में करा लिया।

Padrauna sugar mill auctioned
Padrauna sugar mill auctioned

अबकी बार इस कंपनी ने प्रशासन की तरफ से निर्धारित चीनी मिल की कुल संपत्ति की अनुमानित कीमत 61.31 करोड़ से भी अधिक 61.50 करोड़ रुपये बोली लगाई है। इस कंपनी की चेयरमैन ने नीलामी स्थल पर ही 25 करोड़ रुपये का चेक भी जमा किया। शेष रकम उन्होंने 15 दिनों के अंदर भुगतान करने की बात कही। हालांकि, अब भी चीनी मिल क्रेता कंपनी को देने का अंतिम फैसला हाईकोर्ट के हाथों में है।

ज्ञातव्य हो कि कानपुर शुगर वर्क्स की बंद पड़ी पडरौना चीनी मिल की कुर्की के बाद इसकी नीलामी के लिए 23 बार बोली लगने पर भी कोई खरीदार नहीं आया था। 24वीं बार पडरौना तहसील में 13 दिसंबर को नीलामी की तारीख पड़ी तो लखनऊ की शोभित शुगर एंड पॉवर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड सहित चार कंपनियां आई थीं।

उनमें शोभित शुगर ने सर्वाधिक 28 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इस चीनी मिल से जुड़े कई मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण न्यायालय के आदेश पर इस कंपनी ने चीनी मिल के कर्मचारियों और किसानों का सहमति पत्र लेकर न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

चूंकि नीलामी के लिए लगी बोली से कहीं अधिक चीनी मिल की चल-अचल संपत्ति की कीमत होने के कारण फिर से इसकी नीलामी की तारीख तय कर दी गई थी। इसलिए 12 जनवरी को पडरौना तहसील में पुनः इस चीनी मिल की नीलामी हुई।

इसमें कोमल कंस्ट्रक्शन लखनऊ के प्रतिनिधि वीके त्रिपाठी, केसी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड लखीमपुर खीरी के प्रतिनिधि पीएसपी सिंह, शांभवी एसोसिएट्स सहारनपुर के प्रतिनिधि ओपी मिश्रा और शोभित शुगर एंड पॉवर डिस्टिलरी लिमिटेड लखनऊ की प्रतिनिधि के तौर पर कंपनी की चेयरमैन खुशबू भारती शामिल हुईं।

सभी कंपनियों से 50-50 हजार रुपये जमानत राशि जमा कराई गई। तहसीलदार सदर गिरीश कुमार झा के समक्ष नीलामी के लिए बोली 28 करोड़ रुपये से शुरू हुई। अंत में शोभित शुगर एंड पॉवर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड की चेयरमैन ने 61.50 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई। उन्होंने 25 करोड़ रुपये का चेक तत्काल तहसीलदार को सौंपा और शेष धनराशि का भुगतान 15 दिनों के अंदर करने का भरोसा दिलाया।

इस सम्बन्ध में पडरौना सदर के तहसीलदार गिरीश कुमार झा ने शनिवार को बताया कि इस चीनी मिल की नीलामी से संबंधित स्वीकृति पत्र कमिश्नर की तरफ से सौंपा जाएगा।

कानपुर शुगर वर्क्स की बंद बड़ी पडरौना चीनी मिल के चलने को लेकर घिरे संशय के बादल धीरे-धीरे छंटते जा रहे हैं। लखनऊ की शोभित शुगर एंड पॉवर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड ने दूसरी बार भी नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाकर इस संभावना को संजीवनी दे दी है। क्योंकि इस चीनी मिल को खरीदने के लिए जो कंपनी आगे आई है। उसकी चेयरमैन का परिवार कुशीनगर जनपद का निवासी रहा है। हालांकि, अब भी चीनी मिल क्रेता कंपनी को देने का अंतिम फैसला हाईकोर्ट के हाथों में है।

तहसील प्रशासन की मानी जाए तो कानपुर शुगर वर्क्स की बंद पड़ी पडरौना चीनी मिल पर 5131.25 लाख रुपये किसानों और कर्मचारियों का बकाया है। इसके अलावा चीनी मिल की जमीन और फैक्ट्री की कीमत 6131.728 लाख रुपये है। पिछले तेरह दिसंबर को जब पडरौना तहसील में इस चीनी मिल की नीलामी होने वाली थी तो वहां भी तीन कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए इसी कंपनी ने सर्वाधिक 28 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

इस कंपनी के सीईओ सहित अन्य अफसर कई बार चीनी मिल का निरीक्षण कर चुके हैं। यही नहीं इस कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी चीनी मिल के कल-पुर्जों की जांच कर चुकी है। तहसील प्रशासन 13 दिसंबर को लगी बोली से सहमत नहीं था। उसका कहना था कि चीनी मिल की कुर्क हुई चल-अचल संपत्ति की कीमत 61.31 करोड़ रुपये है तो इस बार की नीलामी में इस कंपनी ने उस अनुमानित रकम से भी अधिक साढ़े एकसठ करोड़ रुपये की बोली लगाकर इस शिकायत को भी दूर कर दिया।

शोभित शुगर एंड पॉवर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ की चेयरमैन खुशबू भारती ने बताया कि वह कुशीनगर जनपद के सूरजनगर की निवासी हैं। उनके पिता जगदीश प्रसाद की ज्यादातर उम्र इसी गांव में गुजरी। अब उनका परिवार लखनऊ में रहता है। जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। इस चीनी मिल को चलवाने का प्रयास किया जा रहा है।

बताते चले कि पडरौना चीनी मिल पर किसानों के भुगतान से संबंधित बकाया 4675.92 लाख रुपये, कर्मचारी भविष्य निधि से संबंधित 108.34 लाख रुपये, अन्य वसूली उप श्रमायुक्त गोरखपुर का 93.91 लाख रुपये, तथा व्यापार कर का 253.08 लाख रुपये की देन-दारी बाकी है। यानी कुल देने-दारी बकाया मिल पर 5131.25 लाख रुपये है।

संपत्ति का विवरण में चीनी मिल की जमीन की कुल 11 गाटा संख्या, क्षेत्रफल 4.809 हेक्टेयर, ग्राम जंगल विशुनपुरा, तहसील पडरौना में अंकित है जिसका मूल्यांकन.1549.028 लाख रुपये, मशीनरी का मूल्यांकन 4582.70 लाख लगाया गया है।

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