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भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव से गई सपा प्रमुख की कुर्सी, नहीं मिला एक भी मत

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िले में सोमवार का दिन भदोही ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता बालविद्या उर्फ विकास यादव के लिए शुभ नहीं रहा। मकर संक्राति के दिन बीडीसी सदस्य एवं भाजपा की प्रियंका सिंह पत्नी प्रशांत सिंह की तरफ़ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में विकास की कुर्सी चली गई। विश्वास मत में जहाँ प्रियंका को 147 में 98 मत हासिल हुए वहीं विकास को शून्य मत मिले। एक क्षेत्र पंचायत सदस्य की मौत से एक सीट खाली है।

SP chief chair from the BJP's no confidence motion
SP chief chair from the BJP’s no confidence motion

चुनाव अधिकारी अपर जिलाधिकारी रामसिंह की तरफ़ से नतीजे की घोषणा होते ही भाजपाई खुशी से झूम उठे । इस दौरान गांजे-बाजे के बीच खूब अबीर गुलाल उड़े एक दूसरे के गले मिल लोगों ने जीत की बधाई दी। इस दौरान भदोही जिलाधिकारी अनिल कुमार याद , अपर पुलिस अधीक्षक डा.संजय कुमार और भदोही सीओ मौजूद रहैं।

भदोही ब्लॉक में कुल 148 क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं, जिसमें जोगीपुर वार्ड की एक सीट रिक्त है। भाजपा इस जंग में क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रियंका सिंह के साथ खड़ी थी। जिलाधिकारी को सिंह की तरफ़ से भदोही ब्लाक प्रमुख के खिलाफ 20 दिसम्बर 2017 को अविश्वास का प्रस्ताव पत्र सौंपा गया था। जिस पर जिलाधिकारी ने अविश्वास मतदान के लिए 15 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी।

सोमवार को भारी भरकम सुरक्षा व्यवस्था और ड्रोन कैमरे की निगरानी में वोट डाले गए। ब्लॉक प्रमुख विकास यादव ख़ुद की गिरफ्तारी से बचने के लिए वोट डालने नहीँ आए। क्योंकि उनके खिलाफ एक क्षेत्र पंचायत सदस्य के अपहरण का आरोप था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह नहीँ आए। इस दौरान उनके समर्थक भी गायब रहे।

राजनीतिक सम्वेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। इस दौरान चार विडिओ और एक ड्रोन कैमरे से पूरे मतदान की निगरानी की जा रही थी। सुरक्षा में 100 से अधिक एसआई, तीन सीओ और 500 जवान तैनात किए गए थे।

इन सब के अलावा खुफिया विभाग के लोग भी डटे थे। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एक कम्पनी पीएसी, आंसू गैस, दमकल गाड़ी के अलावा दूसरे आधुनिक हथियार तैनात किए गए थे। किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीँ रही।

बता रहे कि सपा सरकार में 2010 में बसपा से जुड़े ब्लॉक प्रमुख विनय दूबे उर्फ फजीहत के खिलाफ प्रशांत सिंह की तरफ़ से अविश्वास लाया गया था, जिसमें विनय की पराजय हुईं थी। बाद में हुए उपचुनाव में सुनीता यादव 23 मतों से सपा सरकार में जीत हासिल की थी।

हालांकि यह जीत भी विवादों में रही। इसके बाद 2016 में अनिता यादव के पति सपा के विकास यादव प्रमुख चुने गए। जिसके बाद भाजपा सरकार बदलने के बाद राजनीति बदले का खेल तेज होता गया, जिसमें विकास यादव के खिलाफ शक्ति परीक्षण की अनुमति मिल गई है।

भदोही ब्लॉक में शक्ति परीक्षण की यह जंग दूसरी जंग थी। जहाँ समाजवादी पार्टी अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती थी वहीं भाजपा भगवा लहराना चाहती थी। इस जंग मे आखिर भाजपा सफल हो गई। चुनाव अधिकारी की तरफ़ से परिणाम की घोषणा होते ही भाजपाई झूम उठे। इस दौरान भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद थे।

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