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जयंती पर मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने सुभाष चंद्र बोस को किया नमन

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  • स्वाधीनता भीख मांगने से नहीं मिल जाती: योगी

  • नेताजी की जयंती उन्हें स्मरण करने का अवसर देती है: राम नाईक

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के परिवर्तन चौक पर नेता जी सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 122वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर नेता जी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माल्यार्पण किया। साथ ही राज्यपाल राम नाईक, मंत्री बृजेश पाठक, मेयर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद रही।

Governor and CM condoled the death of Subhash Chandra Bose
Governor and CM condoled the death of Subhash Chandra Bose

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधन में कहा कि आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेता जी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है। पूरा देश और दुनिया जिन्होंने अपने महान क्रांतिकारियों के कारण आजादी की अनूभूति की है वो नेता जी को नमन कर रहे हैं।

नेता जी भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में हमेशा याद किए जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब देश की आजादी के लिए विभिन्न प्रकार की क्रांतिकारी गतिविधियां संचालित हो रहीं थीं। उस समय नेता जी ने कहा था कि देश की स्वाधीनता भीख मांगने से नहीं मिल जाती।

भारत सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा नहीं है ये जीती जागती जीवंतता की एक प्रतिमूर्ति है केवल हुकूमत के सने हाथ फैलाने से हमें स्वाधीनता नहीं मिल सकती। देश के क्रांतिकारियों के त्याग व बलिदान से आजादी मिल पाएगी।

सीएम ने कहा सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया, भारत की स्वाधीनता उनका ध्येय था। देश के युवाओं का आवाहन करने को उन्होंने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा ये नारा सिर्फ एक नारा न रखकर नौजवानों के लिए मन्त्र बन गया। आज भले ही भौतिक रूप से नेताजी हमारे बीच नहीं लेकिन देश की स्वाधीनता के लिए उनके मंत्र देश के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।

Governor and CM condoled the death of Subhash Chandra Bose
Governor and CM condoled the death of Subhash Chandra Bose

इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने संबोधन करते हुए कहा कि आज हम सब लोगों के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती उन्हें स्मरण करने का अवसर देती है। देश के लिए आजादी का प्रयास करने वाला एक ही मंच था और वो था कांग्रेस।

देश की आजादी के लिए चलो दिल्ली का नारा भी उन्होंने दिया। आज उनकी 122वीं जयंती है ,जब मैं राज्यपाल बनकर आया तो मैंने कोशिश की कि जहां-जहां महापुरुषों की प्रतिमा हैं वहां जाकर उन्हें प्रणाम करूंगा।

आज यहां सभी का आना बड़ा सुखद आनंद है। राज्यपाल ने कहा कि कल 24 जनवरी है , 24 जनवरी 1950 ऐतिहासिक दिन रहा है। इस प्रदेश का नाम 24 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश रखा गया था। इसके साथ ही राजयपाल ने बताया कि कल उपराष्ट्रपति भी यहां आ रहे हैं।

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