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मार्च तक 23 ट्रांसमिशन उपकेन्द्र होंगे चालू, गर्मियों में बेहतर रहेगी विद्युत आपूर्ति

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लखनऊ। आगामी गर्मियों में प्रदेश की विद्युत आपूर्ति में ट्रांसमिशन (Transmission Sub Centers) व्यवस्था बेहतर रहे और प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शिड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो इसके लिये प्रमुख सचिव (ऊर्जा) एवं उ.प्र. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने उ.प्र. ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि0 के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है।

23 Transmission Sub Centers will be operational till March
23 Transmission Sub Centers will be operational till March

उन्होंने बताया है कि आगामी मार्च तक 200 केवी और 132 केवी के 23 उपकेन्द्रों को ऊर्जीकृत करने का लक्ष्य है। इन उपकेन्द्रों के ऊर्जीकृत होने से सम्बन्धित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में बेहतर सुधार होगा। 220 केवी उपकेन्द्रों में सिकन्दरा (जनपद कानपुर), भदौरा (जनपद गाजीपुर), बांसी (जनपद सिद्धार्थनगर), आज़मगढ़-।। (जनपद आज़मगढ़), जीआईएस उपकेन्द्र कानपुर रोड (जनपद लखनऊ), नीबकरोरी (जनपद फर्रूखाबाद), बछरावां (जनपद रायबरेली), सीजी सिटी (जनपद लखनऊ), सरसावां (जनपद सहारनपुर) एवं साढ़ (जनपद कानपुर) हैं।

वहीं 132 केवी उपकेन्द्रों में अम्बाला रोड-।। (जनपद सहारनपुर), भटहट (जनपद गोरखपुर), इटावा (जनपद सिद्धार्थनगर), कंकरखेड़ा-।। (जनपद मेरठ), बन्नत (जलालपुर) (जनपद शामली), मोरना (जनपद बिजनौर), मुसाफिरखाना (जनपद अमेठी), पसही (जनपद सोनभद्र), पूर्णांछापर भटनी (जनपद देवरिया), सहसवान (जनपद बदायूँ), तालग्राम (जनपद कन्नौज), बरहन (जनपद आगरा) एवं रानीगंज (जनपद प्रतापगढ़) शामिल हैं।

प्रमुख सचिव ने बताया है कि पारेषण तंत्र के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 49 उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण का लक्ष्य निर्धारित है। उक्त लक्ष्य में से अद्यतन 26 उपकेन्द्र ऊर्जीकृत किये जा चुके है। 23 उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण मार्च तक प्रस्तावित है। लक्षित उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण हेतु कार्य योजना का गठन कर सतत् गहन अनुश्रवण किया जा रहा है।

ऊर्जीकृत उपकेन्द्रों में उल्लेखनीय यह है कि उच्च विभव (765 केवी एवं 400 केवी) के उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है जिसके फलस्वरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष में 01 नग 765 केवी एवम् 7 नग 400 केवी उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण सुनिचित किया जा चुका है। इस प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूर्ण किये जाने वाले विभिन्न पारेषण कार्यों को पूर्णता के फलस्वरूप लगभग 22000 केवी क्षमता का उच्चीकरण होगा।

इसके अतिरिक्त प्रदेश के बाहर से विद्युत आयात की क्षमता में बढ़ोत्तरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस के लिए आवश्यक कार्य चिन्हित कर 31 मार्च तक उनकी पूर्णता सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गये है।

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