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संस्कृत प्राचीनतम भाषा होने के साथ कम्पयूटर फ्रेंडली भी : राज्यपाल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि संस्कृत को विश्व की प्राचीनतम भाषा कहा जाता है पर इतनी आधुनिक है कि उसे कम्पयूटर फ्रेंडली (Computer Friendly) कहते है। महानगर में संस्कृत भारतीय एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्कृत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है।

Computer friendly as well as being Sanskrit oldest language: Governor
Computer friendly as well as being Sanskrit oldest language: Governor

भारतीय संस्कृति को समझने के लिए संस्कृत जानना आवश्यक है क्योंकि ज्यादातर प्राचीन ग्रंथ जैसे रामायण, महाभारत, वेद, गीता, उपनिषद, आयुर्वेद आदि संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं। संस्कृत हमारी वैचारिक परम्परा, जीवन दर्शन, मूल्यों व सूक्ष्म चिन्तन की वाहिनी रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा की शुद्धता तथा कम शब्दों में अपनी बात कहने की शक्ति अद्भुत है।

राज्यपाल ने कहा कि ‘मैं संस्कृत का विद्धान नहीं हूँ। उसके प्रति आदर है, उसी आदर को व्यक्त करने के लिए कार्यक्रम में आया हूँ। 1989 में जब मैं पहली बार लोकसभा में सांसद चुनकर गया था तब अपने 23 साथियों के साथ मैंने संस्कृत में शपथ ली थी। संस्कृत से प्रेम है।

उन्होंने कहा कि संस्कृति का पोषण संस्कृत भाषा से होता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा की उपयोगिता और उसके महत्व को लोगों तक पहुचाया जाये जिससे वह संस्कृत भाषा को समझे और ज्ञान प्राप्त कर सकें।

श्री नाईक ने संस्कृत श्लोकों और शब्दों की सहजता पर चर्चा करते हुये कहा कि लोकसभा के द्वार पर ‘अयं निजः परो वेति’, लोकसभा अध्यक्ष के आसन पर ‘धर्मचक्र प्रवर्तनाय’, मुंबई पुलिस के ‘सद रक्षणाय, खल निग्रहाय’, जीवन बीमा पालिसी के ‘योग क्षेमं बहाम्यहम’, डाक विभाग के ‘अहर्निशं सेवामहे’, उच्चतम न्यायालय के ‘यतो धर्मस्ततो जयः’, भारत सरकार के ‘सत्यमेव जयते’, दूरदर्शन के ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’ आदि घोष वाक्यों से पता चलता है कि संस्कृत आम बोलचाल में भी प्रयोग होती है और सहज भाषा है।

संस्कृत भाषा की विशेषता है कि गंभीर विषय भी सहजता से व्यक्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा अपने विशाल साहित्य, लोकहित की भावना तथा उपसर्गों के द्वारा नये शब्दों के निर्माण की क्षमता के कारण आज भी अमर है।

Computer friendly as well as being Sanskrit oldest language: Governor
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राज्यपाल ने इस अवसर पर लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी की विशेषता यह रही कि इसमें फलों, सब्जियों, खाद्य सामग्री, आभूषणों, वस्त्रों एवं पशुओं को उनके संस्कृत नाम से दर्शाया गया था। संस्था द्वारा राज्यपाल का अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान भी किया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ0 वाचस्पति मिश्र, संस्कृत भारती के प्रांतीय अध्यक्ष शोभन लाल उकिल, रिजूवनेशन संस्था के अध्यक्ष समीर नेवटिया, अखिल भारतीय महामंत्री संस्कृत भारती श्रीश देवपुजारी सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।

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