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Tobacco Products से होने वाले दुष्प्रभाव पर हुई चर्चा

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फैजाबाद। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला तम्बाकू नियंत्रण समिति व पुनरीक्षि राष्ट्रीय क्षयरोग कार्यक्रम की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार ने बताया कि दोनो कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगो को जागरूक किया जाना चाहिये।
हमारी युवा पीढ़ी को तम्बाकू से दूर रखने की आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि यह लोग यह जानते है कि तम्बाकू के उपयोग से हमें गले का कैंसर हो सकता है। फिर भी तम्बाकू के सेंवन को अपने जीवन में सुमार किये हुये है।
जिस परिवार में तम्बाकू की वजह से कोई गम्भीर बीमारी होती है तो उससे वह बीमार व्यक्ति ही नही पूरा परिवार आर्थिक व सामाजिक रूप से प्रभावित होता ही है और बैठे बैठायें अनावश्यक भाग दौड़ परिवार के सदस्यो को करना पड़ता है।
उन्होनें बताया कि भारत में 275 मिलियन व्यक्ति तम्बाकू का किसी न किसी रूप में उपयोग करते है। देश की जनसंख्या का एक तिहाई (35 प्रतिशत) व्यक्ति (15 वर्ष से अधिक) तम्बाकू का उपयोग करता है, 4 प्रतिशत युवा (13 से 15 वर्ष) सिगरेट के माध्यम से धु्रमपान करते है जबकि 12 प्रतिशत युवा अन्य माध्यम से तम्बाकू का सेवन करते है यह स्थिति विस्फोटक है।
हर माँ-बाप, हर गणमान्य नागरिक शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अध्यापक मीडिया से जुड़े लोगो, जनप्रतिनिधियों को आगे आकर प्रतिदिन कम से कम दो लोगो को जो तम्बाकू का सेवन करते हो उनकी कांवसिलिंग कर तम्बाकू के सेवन से दूर करने का प्रयास करना चाहिये।
जिलाधिकारी ने तम्बाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताया कि प्रति वर्ष 10 लाख भारतीयों की मौत तम्बाकू से स्वास्थ्य पर क्रुप्रभाव पड़ने से होती है तथा प्रति घण्टे 90 व्यक्तियों की मौत तम्बाकू से होती है।
यदि यही स्थिति रही तो 2020 तक कुल मौतो में से 13 प्रतिशित मौतें तम्बाकू के सेवन के कारण होगी। अतः से युवा पीढ़ी को सचेत होकर अपने व अपने परिवार के भविष्य को संवारने में लगना चाहिये। सिगरेट व बीड़ी से धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की अपने आयु से 6 से 10 वर्ष पहले ही मौत हो जाती है।
मुख्य विकास अधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि तम्बाकू की सेवन से प्रति वर्ष 4 लाख कैंसर के मरीज, 13 लाख ह्रदय से सम्बन्धित बीमारी के मरीज निकलते है और विश्व में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज है। तम्बाकू के सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल अपने को दुश्चक्र से न ही अपने को प्रभावित करते है बल्कि अपने आस-पास के लोगो को भी प्रभावित करते है।
फोटो-8 तम्बाकू उत्पादों से होने वाले दुष्प्रभाव पर आयोजित परिचर्चा
उन्होने बताया कि तम्बाकू के उपयोग से जहां असामान्य रक्त चाप, असामान्य ह्रदय गति, संकीर्ण रक्त नलिका, शारीरिक क्रियाकलापों व उत्पादकता में गिरावट, वेठंगे बाल, बदबूदार सांस, दागदार दांत, मसूड़े का क्षतिग्रस्त होना, दांतो का सड़ना, स्वाद तथा गन्ध को पहचानने मे गिरावट, सांस लेने में कठिनाई तथा दांतो में गर्म व ठण्डा लगना अल्पकालीन दुष्परिणाम हैं
वहीं दीर्घकालीन दुष्परिणाम के तहत नपंुसकता, गर्भधारण में परेशानी, मोतियाबिन्द, खांसी, क्षयरोग, अस्थमा, उच्च रक्त चाप, ह्रदय रोग, दिमागी लकवा, पेट में फोड़ा, मंुह के खाने नली, ध्वनिक के बक्से का, सांस की नली, फेफड़ो का, पेट का, अग्नाश्य का कैंसर की सम्भावना के साथ श्लेश्मल झिल्ली में दाग से प्रभावित होते है।
जिलाधिकारी ने सभी से अपील की है कि उपरोक्त दुष्परिणामों से न ही केवल तम्बाकू का उपयोग करने वाला व्यक्ति बल्कि सेकण्ड हेण्ड स्मोक के तहत आस-पास का व्यक्ति व थर्ड हैण्ड स्मोक से सबसे ज्यादा नवजात शिशु प्रभावित होते है
उन्होने कहा कि हम सभी को संकल्प लेना चाहिये कि न तो हम तम्बाकू व उससे बने अन्य उत्पादों का सेवन करेगें और न ही अपने आस-पास के लोगो को सेवन करने देगें। उन्होनें यह भी कहा कि जो लोग तम्बाकू व उससे बने उत्पादो का सेवन कर रहे है उन्हें उसके दुष्प्रभाव से अवगत कराना हमारा कर्तव्य ही नहीं धर्म भी है।

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