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अयोध्या विवाद : श्रीश्री का फार्मूला शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड को अस्वीकार

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बोर्ड अपने पहले पेश किए समझौते पर ही कायम : रिजवी

लखनऊ। राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) -बाबरी मस्जिद विवाद के हल के लिए श्री-श्री रविशंकर की ओर से जो समझौता प्रस्ताव पेश किया गया है उसे उप्र शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड ने अस्वीकार कर दिया है। शिया वक्फ बोर्ड  का कहना है कि वह हिन्दू पक्ष से वार्ता कर जो समझौता उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है शिया वक्फ बोर्ड उसी पर कायम रहेगा। बोर्ड चाहता है कि मस्जिद ए अमन अयोध्या के बजाय लखनऊ में बनाया जाए।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने शनिवार को कहा कि बीती 14 -15 फरवरी को हुई बोर्ड की बैठक में सदस्यों से बहुमत से निर्णय लिया है कि राम मन्दिर बाबरी मस्जिद प्रकरण में शिया वक्फ बोर्ड की ओर से हिन्दू पक्ष से बातचीत कर जो समझौता उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है और बोर्ड ने जो जवाब दावा न्यायालय में पेश किया है उप्र शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड उस पर कायम रहेगा।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में जो समझौता प्रस्तुत किया गया है उस पर मन्दिर पक्षकारों की भी सहमति है। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत अयोध्या स्थित विवादित स्थल पर श्री राम मन्दिर बनेगा और अयोध्या, फैज़ाबाद व 14 कोसी परिक्रमा की सीमा में कोई नई मस्जिद नहीं बनेगी।
Waseem Rizvi, Shia Waqf Board Chief Speaks On Ayodhya Ram Mandir
Waseem Rizvi, Shia Waqf Board Chief Speaks On Ayodhya Ram Mandir
मस्जिद लखनऊ शहर में बनेगी, जिसका नाम मस्जिद-ए-अमन होगा। शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके अतिरिक्त कोई भी समझौता के प्रस्ताव से बोर्ड सहमत नही है।
बोर्ड की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में रिजवी ने कहा कि श्री-श्री रविशंकर व अनाधिकृत व्यक्तियों के बीच अयोध्या विवाद के सम्बंध में हुई बात-चीत व समझौता प्रस्ताव जो मीडिया के जरिए सामने आया है उसे उप्र शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड ने आस्वीकार कर दिया है।
उन्होंने साफ कहा कि बोर्ड अपना समझौता प्रस्ताव व जवाब दावा अदालत में प्रस्तुत कर चुका है अगर किसी को भी समझौते की कोई मध्यस्ता या बात-चीत करनी है तो शिया वक्फ बोर्ड के प्रस्ताव पर ही बात हो सकती है।
क्योंकि विवादित मस्जिद, शिया मस्जिद थी और बोर्ड इस सम्बंध में अपना पक्ष उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत कर चुका है। उन्होंने कहा कि अगर कोई समझौता न हो सका तो उच्चतम न्यायालय का फैसला ही बोर्ड को स्वीकार होगा। बता दे कि शिया वक्फ बोर्ड ने हुसैनाबाद के घंटाघर के सामने खाली पड़ी जमीन पर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रख चुका है।

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