चारा घोटाला: लालू प्रसाद को में अब तक साढ़े 27 साल की सजा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं। एक के बाद एक चारा घोटाला के चार मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है। अविभाजित बिहार के सबसे बड़े घोटाले में अब तक लालू प्रसाद को साढ़े 27 साल की सजा हो चुकी है।
दुमका कोषागार से 96 फर्जी वाउचर के जरिये पशु चारा और पशुओं की दवा के नाम पर 3.13 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़े केस (केस संख्या त्ब् 38।ध्96) में रांची स्थिति सीबीआइ की विशेष अदालत ने शनिवार को लालू प्रसाद को आइपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत 7-7 साल के कारावास की सजा सुनायी। साथ ही दोनों मामलों में 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि नहीं देने पर 2 (1-1) साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
चारा घोटाला का यह चौथा मामला है, जिसमें लालू प्रसाद को सबसे ज्यादा सजा सुनायी गयी है। इसी मामले में केके प्रसाद, अजित कुमार वर्मा, गोपीनाथ दास, अरुण कुमार सिंह, विमल कांत दास समेत सभी अभियुक्तों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनायी गयी है। सभी पर 15-15 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सजा पूरी होने के बाद 9 महीने और जेल में रहना होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में लालू प्रसाद को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त शामिल हुए। लालू की ओर से सीबीआइ की अदालत के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी जायेगी। लालू के बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि सभी 4 फैसलों को पढ़ने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए समग्र रणनीति बनायेंगे।
चारा घोटाला में सीबीआइ की ओर से पैरवी कर रहे वकील विष्णु शर्मा ने कहा कि लालू प्रसाद को इंडियन पीनल कोड और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में 7-7 साल के कारावास की सजा हुई है। दोनों मामलों में 30-30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसलिए दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी। यानी 7 साल की सजा खत्म होने के बाद दूसरी 7 साल की सजा शुरू होगी।
