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उत्तर प्रदेश में बड़े बिजली बकायेदारों के खिलाफ चला बड़ा अभियान

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लखनऊ। मार्च, 2018 के प्रारम्भ में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 के स्तर से सभी विद्युत वितरण निगमों को एक लाख रूपये से अधिक के बड़े बकायेदारों (Electric Defaulters) के विरूद्ध अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये थे। इस अभियान की समीक्षा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 को सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशकों के साथ की गयी।
समीक्षा में पाया गया कि अभियान के दौरान एक रू0 लाख से अधिक के 1.78 लाख बकायेदरों का विद्युत संयोजन विच्छेदित किया गया जिसमें 18,886 उपभोक्ताओं से रू0 181.12 करोड़ के राजस्व वसूली गयी। इस क्रम में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 22,639, दक्षिणॉचल विद्युत वितरण निगम में 52,987, पश्चिमॉचल विद्युत वितरण निगम लि0 में 20,343 तथा मध्यॉचल विद्युत वितरण निगम लि0 में 19,360 तथा केस्को में 3,494 विद्युत संयोजन विच्छेदित किये गये। सरकारी विभागों पर भी विद्युत देयता को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गयी।
अभियान की अवधि में चिकित्सालयों तथा अग्नि शमन केन्द्रों को छोड़कर, बकायेदार सरकारी विभागों के विद्युत संयोजन को भी काटा गया। इस अभियान में 9548 सरकारी संयोजन का विद्युत विच्छेदन किया गया जिनमें से 1857 उपभोक्ताओं से रू0 76 करोड़ की धनराशि वसूली गयी। मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, के स्तर पर विभिन्न सरकारी विभागों से बकाये के सापेक्ष धनराशि प्राप्त करने के लिए कई बार बैठके की गयीं। इस सम्बन्ध में मा0 मुख्यमंत्री जी के स्तर पर भी समीक्षा बैठक की गयी।
यद्यपि अभी इस वर्ष की विद्युत देयता के सापेक्ष पूर्ण धनराशि प्राप्त नहीं हुई है परन्तु इस हेतु किये गये प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष में प्राप्त हुई धनराशि रू0 1518 करोड़ के सापेक्ष अब तक रू0 2200 करोड़ की प्राप्ति उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 को हो चुकी है। माह मार्च, 2018 में ही नगर विकास विभाग द्वारा रू0 102 करोड़ की धनराशि दिये जाने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। सिंचाई विभाग द्वारा पुनर्विनियोग के माध्यम से रू0 290 करोड़ तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग रू0 80 करोड़ की धनराशि दिये जाने के प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किये गये हैं।
मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर विकास विभाग को यह निर्देश दिये गये हैं कि माह अप्रैल, 2018 की शुरूआत में ही बकाये धनराशि के सापेक्ष रू0 1450 करोड़ उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 को उपलब्ध कराये जायें और भविष्य में भी जलकल विभाग, प्रकाश पथ प्रदर्शक विभाग तथा जल संस्थान के विद्युत देयों को ‘फर्स्ट चार्ज‘ माना जाये। सभी विद्युत वितरण निगमों को यह निर्देश दिये गये है कि रू0 एक लाख से अधिक के बड़े बकायेदारों के विरूद्ध अभियान जारी रखा जाये इसकी साप्ताहिक समीक्षा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 के स्तर पर की जायेगी।

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बकाया वसूली के लिए विद्युत विच्छेदन के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 द्वारा सभी विद्युत वितरण निगमों को मार्गदर्शी सिद्धान्त भी प्रेषित किये गये हैं। सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्रवाई 5 किलो वॉटसे अधिक भार वाले समस्त नॉन डॉमेस्टिक संयोजनों के विरूद्ध की जानी है जिनसे प्रत्येक माह शत प्रतिशत वसूली करने के लिए विच्छेदन का उत्तरदायित्व संबंधित अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड को दिया गया है।
घरेलू संयोजनों एवं 5 किलो0वॉट से कम भार वाले अन्य संयोजनों पर विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई सबसे पहले वहॉ की जानी है जहॉ दो माह से अधिक की अवधि का बकाया है अथवा यह बकाया धनराशि ग्रामीण क्षेत्र में रू0 पॉच हजार तथा शहरी क्षेत्र में रू0 दस हजार से अधिक है। जहॉ बकाया धनराशि इससे कम है अथवा बकाया दो माह से कम अवधि का है वहॉ विद्युत विच्छेदन से पूर्व संबंधित उपभोक्ता को व्यक्तिगत दूरभाष,संदेश देकर राजस्व वसूली का प्रयास विद्युत विच्छेदन से पहले किया जाना होगा।

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