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महिलाओं को रानी लक्ष्मी बाई वीरता अवार्ड

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बालिकाओं से हो रहा भेदभाव: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। अलग-अलग सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय हिस्सेदारी निभाने और अपनी पहचान कायम करने वाली महिलाओं, बालिकाओं और बालकों को रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार (Rani Laxmi Bai Veerta Award) से सम्मानित किया गया। शिक्षा, उद्योग, चिकित्सा, खेल, वीरता, सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान देने वाली 126 प्रतिभाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया।
rani laxmi bai veerta award ceremony in lucknow
rani laxmi bai veerta award ceremony in lucknow
इस मौके पर सीएम ने महिलाओं से समाज परिवर्तन में आगे आने का अभी आवाहन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुरस्कार के लिए चयन अपने और पराए के आधार पर नहीं बल्कि उनके अपने-अपने क्षेत्र में किए गए योगदान के आधार पर किया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में टॉप टेन में जगह बनाने वाले मेधावियों को सम्मानित करने का कार्य आरंभ किया। टॉप टेन में शामिल 147 विद्याार्थियों में से 99 सिर्फ बालिकाएं थीं। बालिकाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जनपद ऐसे हैं, जहां बालिकाओं के साथ भेदभाव की शिकायतें आती हैं।लिंगानुपात में विषमता देखने को मिल रही है। भेदभाव खत्म करने को एक वर्ष के दौरान बहुत काम हुआ है लेकिन अभी और सुधार की आवश्यकता है। विषमता सिर्फ सरकार खत्म नहीं कर सकती। इसके लिए महिलाओं को भी आगे आना होगा।
सीएम ने कहा कि परिवार में बालिका जन्म लेती है तो सबसे पहली टिप्पणी घर की दादी की होती है। ऐसी मानसिकता को बदलना होगा। बालक हो या बालिका, उसके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा कि जिन घरों में लकड़ी के चूल्हों पर खाना पकता था, वहां की महिलाओं की आंखों की रोशनी कम उम्र में चली जाती थी। उनका जीवन कष्टमय हो जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देकर महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान किया। सीएम ने कहा कि ग्राम प्रधान कुरीतियों व नशे के खिलाफ मुहिम आरंभ करें क्योंकि बुरी आदतें व नशा न सिर्फ एक व्यक्ति को बल्कि पूरे परिवार व समाज बर्बाद कर देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को अत्याचार, शोषण के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनका मौन, अत्याचार को एक तरह की स्वीकृति प्रदान करता है।
पीएसी में महिलाओं की अलग से कंपनी बनाने का प्रयास आरंभ हो गया है। महिला कांस्टेबल की बटालियन बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा होगी।
मेधावी बच्चों को देश व प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था की गई है। बच्चों की फीस लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से देने का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं का आवाहन किया कि वे अन्य महिलाओं को भी समाज सुधार के कार्यक्रमों में सहयोग के लिए प्रेरित करें।
rani laxmi bai veerta award ceremony in lucknow
rani laxmi bai veerta award ceremony in lucknow
कार्यक्रम में 126 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से आई महिलाओं को मुख्यमंत्री ने लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। कार्यक्रम में शिक्षा, उद्योग, चिकित्सा, खेल, वीरता, सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में अपने विशेष कार्यों से पहचान कायम करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री अनुपमा जायसवाल, स्वाति सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे। अफसरों की लापरवाही और संवादहीनता के कारण ललितपुर जनपद से सम्मान लेने आई प्रीति शुक्ला को मायूसी हाथ लगी।
दरअसल ललितपुर में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने प्रीति को सम्मान के लिए चुने जाने की सूचना दी थी लेकिन जब वह कार्यक्रम में पहुंची तो बताया गया कि उसका नाम सम्मान सूची में नहीं है। बाद में अफसरों के आश्वासन के बाद वह कार्यक्रम स्थल से बिना सम्मान लिए वापस चली गई।

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