विद्या शंकर राय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दो दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव व मायावती के एक साथ आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन वर्ष 2019 में इस गठबंधन से निपटने का खाका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तैयार कर लिया है।
सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो बिहार की तर्ज पर जल्द ही प्रदेश सरकार भी महादलित और अतिपिछड़ा कार्ड खेलेगी, जिससे इस गठबंधन के प्रभाव को कम किया जा सके और महादलितों एवं अतिपिछड़ों के भीतर सरकार को लेकर एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके।
शासन से जुड़े एक आईएएस अधिकारी ने आईएएनएस से नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के फॉर्मूले पर अब उत्तर प्रदेश भी आगे बढ़ने जा रहा है।
