Tevar Times
Online Hindi News Portal

नीलगायों का आतंक चरम पर, किसान परेशान

0
मिर्जापुर। किसानों के खून पसीने को चुटकी में रौंद कर नीलगायों द्वारा पहुंचाई जा रही व्यापक पैमाने पर क्षति से किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है। किसानां द्वारा किये जा रहे सारे प्रयास और जतन के बाद भी नीलगायों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
झुण्ड के झुण्ड नीलगाय जिधर चल दे रहे है, उधर ही फसलों का कचूमर निकल जा रहा है। किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही नीलगायों पर काबू पाने के सारे प्रयास भी नाकाम साबित हो रहे है। नीलगायों के आतंक से जिले के किसानों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है।
विकास खण्ड कोन मझवॉ, सीटी, सीखड़, नारायनपुर, पहाड़ी, छानबे आदि विकास खण्डों के गंगातटवर्ती इलाकों में नीलगायों का आतंक इन दिनों चरम पर है। मौजूदा समय में टमाटर, बैंगन, लौकी सहित मौसमी हरी सब्जियों की खेती हो रही है। नीलगायों का आतंक किसी एक क्षेत्र में नहीं है।
बल्कि जिले के सभी इलाकें में है। खासकर गंगा नदी के तटीय वाले क्षेत्रों में कुछ अत्यधिक ही है। नीलगायों के आतंक के मारे साग-सब्जियों की खेती में जुटे किसानां को परेशानियां बढ़ने के साथ उन्हें मेहनत पर पानी फिरने की आशंका सताने लगी है।
कोन के मझिगंवा, पुरानाबाड़ा, चील्ह, भटेवरा, दलापट्टी, गड़गेड़ी, कमासिन, कोल्हुआ, रामपुर आदि गांवों समेत दो दर्जन से ज्यादा गांवों की गंगा के किनारे खेती होने के साथ दाल आदि में दलहन की खेती एक दशक पहले बेहिसाब हुआ करती थी, परन्तु नीलगायों के कारण किसानों को होने वाली भारी क्षति के कारण तबाह होती फसलों को देख किसानों ने न केवल इन फसलों में मुंह फेरना शुरू कर दिया।
बल्कि कर्ज के दलदल में भी फंसते गये। कई बार किसनों ने नीलगायों से छुटकारा दिलाने की आवाज भी उठायी, लेकिन कोई ठोस कार्य-योजना अभी तक न बन पाने से किसानों का नीलगायों से होने वाले क्षति से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More