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सुप्रीम कोर्ट से फैसले से हुई गन्ना किसानों की जीत

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लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने गन्ना किसानों के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय को गन्ना किसानों की जीत बताते हुये कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत में गन्ना किसानों के दर्द और मिल मालिकों द्वारा किये गये अनावश्यक शोषण पर दृष्टिपात करते हुये न्यायपालिका की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय आदेश दिया है कि वर्ष 2012 से 2014 के भुगतान में देरी पर किसानों को 2000 करोड रूपया ब्याज के रूप में भुगतान किया जाय। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से इस निर्णय से किसानो की मेहनत और पूंजीपतियों द्वारा समय समय पर किये गये उनके शोषण पर उनकी (किसानों) जीत हुयी है।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि देश के पूंजीपतियों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सबक लेना चाहिए कि किसानों का शोषण और उनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। साथ ही साथ प्रदेश और केन्द्र की वर्तमान सरकारों को भी यह सोचना होगा कि किसानों का वोट लेकर सरकार बनाने वाले लोग भविष्य के किसानों के साथ धोखेबाजी न करे जैसा कि अब तक भाजपा सरकार कर रही है।
बता दे प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने मिल मालिकों के पक्ष में गन्ना किसानों के बकाया मूल्य के ब्याज का 2000 करोड रूपया माफ कर दिया था। सरकार के तत्कालीन फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में किसानों को बकाये मूल्य पर ब्याज भुगतान का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी, जिसकी सुनवाई करते हुए आज सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय में हस्तक्षेप करने का उसका कोई इरादा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2012 से 2014 के भुगतान में देरी पर किसानों को 2000 करोड रूपया ब्याज के रूप में भुगतान किया जाय।

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