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71 कन्याओं का पाणिग्रहण धार्मिक एवं वैदिक रीति से संपन्न

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अमौली (फतेहपुर)। अखंड परमधाम मवई में आज 71 बेटियों का (Paniagruna) वैवाहिक कार्यक्रम पूर्ण हर्षोल्लास एवं धार्मिक रीति-रिवाज से वेदों के मंत्रों से परम पूज्य गुरुदेव युगपुरुष स्वामी परमानंद जी महाराज के आशीर्वाद एवं कृपा से पूर्णता को प्राप्त हुआ।

71 Paniagruna of the girls, done with religious and vedic rituals
71 Paniagruna of the girls, done with religious and vedic rituals

जिसका स्थानीय जनता के साथ दूर-दूर से आए हुए देवियों और सज्जनों की अपार भीड़ को इंतजार था। पूरे जनमानस ने करतल ध्वनि एवं जय घोष से वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए नए जीवन की मंगल कामना की।

विभिन्न जनपदों एवं प्रदेशों से आए हुए वर-वधु शादी के जोड़े में सजे-धजे एक साथ शोभायमान हो रहे थे। इतने जोड़ों का एक साथ वैवाहिक कार्यक्रम अपने जिले में अनोखा एवं भव्यता लिए हुए हुआ।

इस कार्यक्रम का साक्षी बने सभी कन्याओं के पितातुल्य स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दी। स्वामी ज्योतिर्मय आनंद जी ने मंच की पूरी व्यवस्था को संभाल रखा था। सभी जोड़ों को नाम पिता का नाम लेकर उन्हें उनका स्थान दे रहे थे।

जहां लोग एक कन्या के विवाह में परेशान हो जाते हैं। वही 71 कन्याओं के विवाह में किसी प्रकार की आपाधापी देखने को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इन्हें कन्या नहीं बेटियां कहा जाए।

सभी वर-वधु को जयमाल फूलों के हार दिए गए और वैदिक मंत्रों के साथ सामूहिक रूप से मंच पर सभी बेटियों का जय माल कार्यक्रम संपन्न हुआ।

एक तरफ शहनाई तो दूसरी ओर वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच जब जयमाल पहना कर 71 जोड़े एक-दूजे के हुए तो समूचा माहौल खुशियों से इतराने लगा। चेहरे में मुस्कान लिए नव दंपती धर्म-अध्यात्म के पंडाल में जीवन साथी चुनने का गर्व महसूस कर रहे थे।

दूल्हा-दुल्हन बने जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए एक नहीं हजारों हाथ उठे और फूलों की बारिश की। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। सर्वधर्म सर्व जातीय विवाह समारोह में मवई धाम में स्वामी परमानंद ने कहा कि शादी के समय कन्या और वर लक्ष्मी नारायण का रूप हैं।

उन्होंने दाम्पत्य जीवन शुरुआत करने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि एक शादी करने वाले ब्रम्हचारी होते हैं।

सामूहिक विवाह में मध्य प्रदेश छतरपुर, कानपुर नगर, अकबरपुर, हमीरपुर, जालौन, वृंदावन, बांदा, मानिकपुर, औरैया, महोबा, बिंदकी, जालौन, महाराष्ट्र, भोपाल आदि शहरों से विवाह के लिए जोड़े आए थे। स्वामी परमानंद जी ने कहा कि अगले वर्ष से 108 कन्याएं इस सामूहिक विवाह में शामिल होंगी।

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