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दीन दुखियों को हर शनिवार भोजन कराती हैं रेखा पाण्डेय

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कुशीनगर। जनपद के पडरौना नगर में रहने वाली रेखा पांडेय (Rakha Pandey) हर शनिवार अपने घर पर दीन-दुखियों, असहायों और दिव्यांगों को भरपेट भोजन कराती हैं। दक्षिणा भी देती हैं।

Rakha Pandey gives food to the miserable food every Saturday
Rakha Pandey gives food to the miserable food every Saturday

पति के निधन के बाद भंडारा चलाने में दिक्कत आई तो उन्होंने दूसरा रास्ता अख्तियार किया। अब वह छह दिन भिक्षाटन करती हैं। इससे जो रूपये-पैसे मिलते हैं। उससे शुक्रवार को राशन खरीद कर शनिवार को भंडारा करती हैं।

उनके इस प्रयास से 18 साल से चल रहे भंडारे में कभी ब्रेक नहीं लगा। भंडारा भी सौ-पचास का नहीं होता।

प्रायः दो-ढाई सौ से ज्यादा ही लोग उसमें शामिल होते हैं। रेखा कहती हैं, जब तक जिंदा रहेंगी, भंडारा बंद नहीं होने देंगी। जीवों पर दया और भूखों को भोजन उनके जीवन का अब लक्ष्य बन गया है।

ज्ञातव्य हो कि गोपालगंज बिहार के रमजिता निवासी आचार्य रघुनाथ पांडेय पत्नी रेखा पांडेय के साथ छह दशक पहले पडरौना आए थे। पडरौना के तिलकनगर मोहल्ले में एक छोटा सा घर बनाकर रहने लगे। पंडिताई आजीविका का साधन बनी।

1999 में पांडेय दम्पत्ति ने गरीबों के लिए शनिवार को भंडारे की शुरुआत की। कुछ ही समय में यह भंडारा इतना लोकप्रिय हो गया कि शनिवार को सुबह होते ही उनके घर के सामने दीन-दुखियों की भीड़ जमा हो जाती थी। पांडेय दम्पत्ति मनोयोग से जो भी भोजन बनाए रहते थे।

सभी को खिलाते थे और यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर उन्हें विदा करते थे। पति के निधन के बाद भी रेखा पांडेय का घर पंडिताई के बल पर ही चल रहा है।

पंडिताई का जिम्मा बड़े बेटे अशोक पांडेय ने संभाल लिया है। छोटा बेटा श्रीनिवास वाराणसी में रहता है। रेखा बताती हैं कि उनकी सात पीढियों ने गुरुकुल परंपरा के तहत वाराणसी में शिक्षा ली है।

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