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अमित शाह की हुंकार जितना चाहे विरोध कर लो सीएए वापस नहीं होगा

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लखनऊ। केन्र्दीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर कितना भी विरोध कर लिया जाए यह बिल वापस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विरोधी दल केवल वोट बैंक के कारण लोगों को भड़काने का काम रहे हैं।

उन्होने कहा कि राहुल गांधी और इमरान खान की भाषा एक है।नागरिक संशोध्न विधेयक (सीएए) को लेकर जनजागरूकता अभियान को लेकर हुई रैली को सम्बोधित करते हुए शाह ने कहा कि सपा बसपा कांग्रेस ममता आदि सब कांव-कांव कर रहे है।

सीएए को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे हें कि मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। राहुल ममता अखिलेश से चर्चा करने को तैयार हूं। विपक्ष जाने ले कि यह बिल किसी की नागरिकता नहीं ली सकती है। बल्कि नागरिकता देने का कानून है।

ये लोग जान ले कि यूपी की जनता देश विरोधियों को कतई साथ नहीं देगी। शाह ने कहा कि पडोसी देशों अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो भारतीय नागरिकों पर अत्याचार हो रहे थें उनको नागरिकता देने के लिए कानून है। उन पर कितने अत्याचार हो रहे है।

कांग्रेस के पाप के कारण ही भारत के दो टुकडे हुए। धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि जिसको वापस आना हो वह भारत आ जाए उसको यहां नौकरी तथा जीवन जीने के लिए संरक्षण दिया जाएगा।

नेहरू मौलाना आजाद ने भी यही कहा पर कांग्रेस को समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद कितना हिन्दू प्रतिशत कम हो गया। यह सब कहां चले गए हिन्दू सिक्ख फारसी बौद्व कहां चले गए। आंख के अंधो और कान के बहरों का यह नहीं दिखाई देता।

मानवाधिकार वालों को तब यह सब क्यों नहीं दिखाई दिया। काश्मीर से पंडितो को भगाया गया। अमित शाह ने कहा कि मममा बनर्जी आपने ही 2003 में संसद में मांग की थी कि इनको नागरिकता दी जाऐ। राजस्थान में चुनाव हुए तो कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में नागरिकता देने की बात कही थी।

पर भाजपा जो भी काम करती है वह चाहे सत्ता में हो अथवा विपक्ष में , पार्टी अपने स्टैंण्ड पर कायम रहती हे। इसी तरह इसी विपक्ष ने धारा 370 का विरोध किया था। जबकि तीन तलाक का भी विपक्ष ने विरोध किया लेकिन मोदी सरकार ने इसको उखाड़ कर फेक दिया।

शाह ने याद दिलाया कि दस साल तक यूपीए की सरकार रही पाकिस्तान से बराबर आतंकी घटनाएं होती रही लेकिन ‘मौनी बाबा’ कुछ नहीं बोले। पर मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक ओर एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के सपने को चकनाचूर कर दिया। लेकिन मायावती ममता राहुल और अखिलेश यादव ने इसका भी विरोध किया।

अयोध्या में राम मंदिर का विरोध कांग्रेस लगातार बराबर करती रही। यहां तक कि कोर्ट में सुनवाई पर भी कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल विरोध करते रहे। इनके अलावा यही अखिलेश मायावती ममता विरोध करते रहे।

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