लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में मंगलवार देर रात एक युवक ऑडिटोरियम से निकलकर छात्रा से छेडछाड करते हुए उसे दबोच लिया, जो बास्केट बॉल ऑडिटोरियम के पास बैठी थीा। छात्रा के शोर मचाने के बाद वो आडीटोरियम में घुसकर उसी समूह में शामिल हो गया, जहां कुम्भ का आयोजन हो रहा था।
इसके बाद छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन को फोनकर सूचित किया। वह लड़का वहां तीन दिन से चल रहे एकल परिवर्तन कुंभ में आया था। छात्रा के शोर मचाने के कारण विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रा को साथ लेकर आॅडीटोरियम में जब पहचान करवाई तो वह युवक वहीं बैठा मिल गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं घटना के बाद से छात्राओं में काफी आक्रोश था, सभी छात्र छात्राएं विश्वविद्यालय में घटना के विरोध में सुबह से ही इकठ्ठा हो गए। बाद में उन्हें समझा बुझाकर वापस कर दिया गया। सवाल यह उठता है कि आखिरकार एक विधि विश्वविद्यालय के आडीटोरियम को बाहर की संस्था के तीन दिवसीय आयोजन किये जाने की अनुमति क्यांे और किसके आदेश पर दी गई।
ज्ञात हो कि इस विश्वविद्यालय में लडके और लडकियां दोनों पढ़ते हैं।ऐसे आयोजनों के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जैसे स्थल बने हुए हैं। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि यह कार्यक्रम एबीवीपी द्वारा किया जा रहा था। विश्वविद्यालय के कुलपति को किसी भी बाहरी संस्था को अपने आडीटोरियम इस्तेमाल की अनुमति कतई नहीं देनी चाहिए थी। इसके लिए कुलपति के खिलाफ भी एक्शन लिया जाना चाहिए। अगर गार्गी कालेज जैसी कोई घटना घटित हो तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।