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सरकारी बंगला खाली करने को अखिलेश ने मांगा दो साल का वक्त

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राज्य संपत्ति विभाग को लिखा पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना सरकारी बंगला खाली करने में राज्य सरकार की ओर से दिया गया 15 दिन का वक्त कम पड़ रहा है।
अखिलेश ने उन्हें आवंटित बंगले 4-विक्रमादित्य मार्ग को खाली करने के लिए राज्य संपत्ति अधिकारी से दो साल का और वक्त मांगा है। अखिलेश के निजी सचिव गजेंद्र सिंह ने राज्य संपत्ति अधिकारी को इस संबंध में पत्र सौंपा। राज्य संपत्ति अधिकारी के स्टाफ ने अखिलेश के निजी सचिव का पत्र रिसीव भी किया है।
सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला को पत्र लिखकर बंगला खाली करने के लिए दो साल का  मांगा। अखिलेश ने यह पत्र अपने निजी सचिव गजेन्द्र सिंह से राज्य सम्पत्ति विभाग के भेजवाया, जहां राज्य सम्पत्ति विभाग के कर्मचारी ने रिसीव भी कर लिया है।
सूत्र बताते हैं कि इस पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने लिखा है कि उनके पास लखनऊ में आवंटित सरकारी बंगले के अतिरिक्त अन्य कोई उपयुक्त सुविधाजनक आवास नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें जेड प्लस (जिसमें एनएसजी कमांडो भी शामिल है) सुरक्षा भी मिली है। जिसके लिए भी उन्हें पर्याप्त जगह चाहिए।
अखिलेश ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उनसे मिलने कई फरयादी, नेता व लोग आते हैं। उनके लिए भी उन्हें पर्याप्त और मुनासिब जगह की जरूरत होती है। पत्र में उन्होंने (अखिलेश) इसी तरह की बात रखते हुए राज्य संपत्ति अधिकारी उन्हें आवंटित अवास 4-विक्रमादित्य मार्ग में रहने और उसे खाली करने के लिए दो साल का वक्त मांगा है।
इस सम्बन्ध में अखिलेश यादव के निजी सचिव गजेंद्र सिंह ने कहा कि पत्र में 2 साल का और समय मांगा गया है। उन्होंने कहा कि सभी को हर हाल में सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानना ही है, लेकिन हमने एक्सटेंशन लेने की कोशिश की है।
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट से के आदेश के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था। यह समय 2 जून पूरा हो रहा है।

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