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केजीएमयू के बवाल में गई दो मरीजो की जान, हड़ताल और प्रदर्शन

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ के चौक कोतवाली क्षेत्र स्थित जॉर्ज चकित्सि वश्विवद्यिलय (केजीएमयू) में जूनियर डॉक्टरों और कर्मचारियों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों के इस झगड़े का खामियाजा मरीजों ने भुगता और एक मासूम समेत दो मरीजों की इसकी कीमत चुकाने में अपनी जान भी देनी पड़ी।
वहीं 300 से ज्यादा मरीज बिना इलाज वापस लौट गए। बता दे कि केजीएमयू में बुधवार को जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरो ने कर्मचारियों से मारपीट की थी। इसी को लेकर कर्मचारियों में रोष है। बुधवार को कर्मचारियों द्वारा कामकाज ठप रखने पर हरकत में आए चिकित्सा अधीक्षक ने गुरुवार सुबह 10 बजे तक कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन गुरुवार सुबह जब आरोपी छात्र पर कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सभी पटल के कर्मचारियों ने काम ठप कर जुलूस निकाला और प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभी आरोपी छात्र पर कार्रवाई पर अड़ गए। इसी बीच केजीएमयू के कलपति ने कर्मचारियों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।
कर्मचारियों का कहना है कि हमें किसी तरह की बात नहीं करनी, सिर्फ आरोपी के खिलाफ कार्रवाई चाहिए। बवाल बढ़ता देख प्रशासन ने केजीएमयू परिसर में आरएएफ भी बुलवा ली है। फोर्स ने मोर्चा संभाल रखा है।कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विकास सिंह व महामंत्री प्रदीप गंगवार का कहना है कि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्रों ने मारपीट की है। महिला कर्मी के साथ भी अभद्रता और उसे चोटिल किया है।
ऐसे में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा व प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा से दोषी छात्रों पर एफआइआर की माग की गई थी। कार्रवाई न होने पर कर्मचारी हड़ताल करने को बाध्य होंगे। कर्मियों ने अफसरों के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
उधर जूनियर डॉक्टरों और कर्मचारियों के विवाद के चलते जहां अयोध्या से आई सवा साल की बच्ची लविका की समय पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो गई। वहीं सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए कुशहालपुर निवासी जैनों लाल (45) इलाज के लिए पहुंचे। लेकिन इलाज के अभाव में इनकी भी मौत हो गई।
बड़े स्तर पर हंगामा होने के बाद केजीएमयू के वीसी एमएल भट्ट से डॉक्टरों का एक दल मिला। इसके बाद उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं एक अज्ञात एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है।
केजीएमयू के प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा ने बताया कि मारपीट की घटना में संलिप्त वर्ष 2012 का एमबीबीएस छात्र चिन्हित किया गया है। इसके निलंबन के लिए पत्र कुलपति को भेज दिया गया है। वहीं मामले की जाच के लिए सीएमएस डॉ. एसएन शखवार, एमएस डॉ. बीके ओझा, डॉ. जीपी सिंह, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. अनूप कुमार व डॉ. सुजाता को नामित किया गया है।

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