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बकरी पालन के लिए आगे आयें बेरोजगार: बघेल

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लखनऊ। सेंट्रल फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट एवं उत्तर प्रदेश पशुधन विकास बोर्ड और केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा के द्वारा एक दिवसीय बकरी एवं भेड़ उधमिता सेमिनार का आयोजन मंगलवार को राजधानी के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बौद्ध स्टडीज के सभागार में किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन पशुपालन-मत्स्यपालन विभाग के मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने किया। संगोष्ठी के दौरान डॉ0 अनीस अंसारी, पूर्व एपीसी उत्तर प्रदेश सरकार और अध्यक्ष कार्ड, डॉ एम.एस. चौहान, निदेशक केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, डॉ एस.के. श्रीवास्तव, निदेशक पशुपालन विभाग डी.बी. सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, ओरिएंटल बीमा कंपनी डी.आर.सिंह, एजीएम, नाबार्ड भी मौजूद थे।
बकरी पालन के वर्तमान परिदृश्य को पेश करते समय, बघेल ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में मांस दर में 100 प्रतिशत की वृद्धि और मांस की मांग में वृद्धि ने बकरी उधमिता के लिए बड़ी क्षमता पैदा की है।
यह पारंपरिक रूप से कुछ जातियों तक सीमित था, लेकिन अब सभी सामाजिक बन्धनों के टूटने से इस क्षेत्र को विकसित करने और निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बेरोजगार लोगां को इसको अपनाने और इसे और विकसित करने के लिए आगे आने के लिए कहा।
डॉ अंसारी ने कहा कि दुनिया की लगभग 94 प्रतिशत आबादी मांस खाने वाली है, जबकि लगभग 70 प्रतिशत आबादी उत्तर प्रदेश की मांस खाने वाली है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए।
डॉ एम.एस. चौहान ने कहा कि सीआईआरजी इस क्षेत्र में उद्यमशीलता पैदा करने के लिए एक प्रमुख भूमिका निभा रही है। संस्थान ने राज्य में कई वाणिज्यिक बकरी केंद्र की स्थापना की है, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित उद्यमियों के स्वामित्व में हैं। बुंदेलखंड में कई परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है।
ओरिएंटल इंश्योरेंस से डीबी सिंह ने कहा कि ओरिएंटल बीमा कंपनी बकरी एवं भेड़ के क्षेत्र में काफी दिनों से कार्य कर रही है। इस क्षेत्र को और विकसित करने की जरुरत है।

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