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जरा संभलकर, कहीं बीमार न कर दे यह पानी

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मिर्जापुर। नगर सहित अन्य क्षेत्रों गांव-गिरांव में बिना जांच कराए ही टैंकरो में भरकर पानी सप्लाई किया जा रहा है। नगर में दर्जन भर से ज्यादा प्लांट स्थापित किए गए हैं। इनसे लोगों को पानी सप्लाई किया जाता है। हालत यह है कि अधिकांश प्लांट मालिक पैसा कमाने की होड़ में पानी की रसायनिक एवं जैविक जांच कराए बिना ही पानी की सप्लाई कर रहे हैं।
ऐसे में दूषित पानी का सेवन करने से लोगों के बीमार होने का खतरा भी बढ़ गया है। नगर सहित तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने पानी सप्लाई के लिए प्लांट लगा रखे हैं। प्लांट्स से लोगों के घरों एवं दुकानों पर कैंपर में पानी बेचा जा रहा है।
इसके बदले ग्राहक उन्हें प्रतिमाह एक निश्चित रकम का भुगतान करता है। नगर में तो मनमानी वसूली की जाती है। वैवाहिक समारोह होने के चलते कैंपरों के पानी की मांग बढ़ गई है। ऐसे में प्लांट के स्वामी हैंडपंप व पारंपरिक जल स्रोत कूप के गंदे पानी की आपूर्ति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

दूषित पानी से बीमारियों की आशंका 

डाक्टर कहते हैं कि दूषित पानी का सेवन करने से लोग बीमार पड़ सकते हैं। प्रचंड गर्मी में स्वच्छ पेयजल का उपयोग करना नितांत जरूरी है। दूषित जल का सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही लोग उल्टी-दस्त, डायरिया की चपेट में भी आ सकते हैं। लोगों को चाहिए की टैंकर में सप्लाई होने वाले जल को गर्म करने के बाद ठंडा करके ही इस्तेमाल करें या फिर टैंकर के पानी में क्लोरोक्वीन की गोलियां डालें।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एसडीएम कहते हैं कि सप्लाई होने वाले पानी की रसायनिक व जैविक जांच होना आवश्यक है। बिना जांच कराए पानी की सप्लाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया कि विभाग से संपर्क कर राज्य स्वास्थ्य संस्थान लखनऊ से पानी की जांच कराई जानी चाहिए। इसके बाद ही पानी सप्लाई की जा सकती है। जांच रिपोर्ट नहीं होने की दशा में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। संबंधित विभाग को पत्रचार किया जाएगा।

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