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विश्व बौद्ध संस्थान ने फूंका शुंग का पुतला 

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साकेत बचाओं अभियान के तहत दिया एक दिवसीय धरना

अंबेडकरनगर। बौद्ध संस्कृति के संरक्षण के संकल्प के साथ साकेत बचाओं अभियान चला रहें विश्व बौद्ध संस्थान के लोगों ने आज सम्राट अशोक की परम्परा के अंतिम सम्राट वृहदस्थ मौर्य के हत्यारें पुष्य मित्र शुग का पुतला फूक कर विरोध जताया।
कहा कि बौद्ध संस्कृति नष्ट कर संघियों ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड किया है। इस दौरान संस्थान के संचालक आनन्द हीराराम पटेल ने कहा कि सम्राट बृहदस्थ मौर्य के मंत्री के रूप में कार्यरत पुष्य मित्र शुग ने बढती बौद्ध संस्कृति से आहत होकर सम्राट की हत्या कर उनका राज हथिया लिया।

और वहां से चल कर साकेत पहुंचा जहां बौद्धों का सिर लाने वालों को पुरस्कृत करने की परम्परा शुरू कर बौद्ध धर्म के अनुयायियों को नस्त नाबूत करने की साजिश रची। उन्होने कहा कि जब कोई व्यक्ति एक बौद्ध भिक्षू का सिर लेकर आता था तो उसे स्वर्ण मुद्राये दे कर पुरस्कृत किया जाता था।
बाद में जब कई लोगों ने वहीं सिर दोबारा दिखा कर पुरस्कार लेने की कोशिश की तो इसकी भनक लगने के बाद पुष्य मित्र शुग ने अपने सामने एक शिलापट रख कर उस पर बौद्ध भिक्षुओं के सर को पटकने की परम्परा शुरू की। यहीं से धार्मिक कार्यो मे ंनारियल फोडने की परम्परा शुरू हुई।
उनका कहना था कि पुष्य मित्र शुंग ने सभी विकृत सिरों को घाघरा नदी में फेकवाया। वह इतने अधिक संख्या में हुए कि घाघरा सरयुक्त हो गयी बाद में उसी का बदला रूप सरयू बना। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहें संयोजक छोटेलाल मौर्य ने कहा कि अयोध्या का प्राचीन नाम साकेत था।

इसलिए सरकार को साकेत नाम की मान्यता देनी चाहिए। उन्होने कहा कि अयोध्या में दर्जनों लोगों की जन्म स्थली को इतिहास से मिटा दिया गया है और अधिगृहीत की गयी जमीन के बदले जमीन नहीं दी गयी। उन्होने कहा कि मंदिर मस्जिद का विवाद कर तमाम लोगों की रोजी रोअी छीन ली गयी है। वास्तव में वह स्थान न हिन्दुओं का और न तो मुस्लिमों का है बल्कि वह तो बौद्धों का है।
पुतला दहन से पूर्व कलेक्ट्रेट के निकट बाबा साहब डा0 अम्बेडकर की प्रतिमा के बगल संस्थान के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया जिसमें सरकार की नीतियों को लेकर कडी आलोचना की।
इस मौके पर राम कीर्ति पटेल, जय प्रकाश पटेल, धर्मदेव बहल, आशाराम गौतम, सोनू शर्मा, नन्दलाल, मग्घूराम विमल, ओम प्रकाश पागल, सुरेश टाइगर, अर्जुन सिंह पटेल, लालमणि पटेल, फतेहबहादुर वर्मा, सभापति पटेल,
नन्दलाल भारती आदि लोगों ने सामाजिक संगठनों से जुडे लोगों पर हो रहे अत्याचार को रोकने हार्दिक पटेल, चन्द्रशेखर रावण और कन्हैया कुमार के ऊपर लगाये गये फर्जी मुकदमें वापस लेने के साथ साथ अयोध्या में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की।

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