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सिपाही भर्ती परीक्षा : फिर पकड़े गए साल्वर गिरोह के दो दर्जन सदस्य

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा देने पहुंचे साल्वर गैंग के जहां 23 लोगों को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने आज मेरठ से गिरफ्तार किया। पकड़े गए सॉल्वर हरियाणा और बागपात के रहने वाले हैं।
इन लोगों के पास से 26 मोबाइल, 10 लाख रुपये, प्रिंटर, लैपटॉप, तीन कारे, और भारी मात्रा में छात्रों के दस्तावेज मिले हैं। वहीं पुलिस ने मेरठ से ही सुबह की पाली की परीक्षा के दौरान एक और साल्वर को पकड़ा, जो दूसरे अभ्यर्थी के नाम पर परीक्षा देने पहुंचा था।

उधर एटा और आगरा में सॉल्वर गैंग के सदस्य को गिफ्तार किया गया है। इस प्रकार मंगलवार को पुलिस ने सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान दो दर्जन से ज्यादा मुन्नाभाइयों को गिरफ्तार किया है। 


यूपी एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ के सीओ ब्रजेश कुमार की टीम ने आज सुबह मुखबिर की खबर पर साल्वर गिरोह के सदस्यों को कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के पठानपुरा स्थित मन-ए-409 आनन्द विहार से से पकड़ा। गिरोह का सरगना बागपत के कुरड़ी गांव का रहने वाला शकील है, जिसका यूपी पुलिस कॉस्टेबल के पद पर हाल ही में चयन हुआ है।
इसके अलावा अन्य आरोपियों में राहुल राठी, मंदीप, अरविन्द, विकास, संदीप, शम्भू, सुरेश कुमार, नीरज, अमित कुमार, रविकांत, कृष्ण कुमार मोहित व बलजीत निवासीण हरियाणा, युनूस, प्रदीप कुमार, अंकित, दुष्यन कुमार, नीरज व संदीप निवासीण बागपत, निरंजन कुमार निवासी थाना रोसरा समस्तीपुर बिहार, संजय चौधरी निवासी मुजफ्फर नगर और सचिन निवासी शामली है।

उन्होंने बताया कि शकील ने एक दिन पहले हुई परीक्षा में कई जिलों में अपने सॉल्वर बैठाए थे। पूछताछ में शकील, राहुल राठी और युनूस बताया कि वह लोग आरक्षी परीक्षा में अभ्यर्थियों के स्थान पर सोल्वर बैठाते है। अभ्यर्थियों से सोल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने के ऐवज में 08 लाख रूपये लेते है तथा सोल्वरों को 02 लाख रूपये देते है।
सोल्वरों के फोटो तथा अभ्यर्थियों के फोटों की मैचिंग करके सोल्वर फाईनल करते है। करीब 50 छात्रों से सौदा तय हुआ था। बरामद रूपये अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए के लिए एडवांस के रूप में लिये गये थे, जिनमें से कुछ रूपये ही ने सोल्वरों को पेंमेंट किया।
आरोपियों ने बताया कि वह लोग आधार कार्ड पर फ़ोटो बदलकर सॉल्वर को परीक्षा कक्ष में बैठाते थे। वह लोग वर्ष-2013 से साल्वर गैंग चला रहे है और इससे पहले  रेलवे, आरपीएफ, पुलिस उपनिरीक्षक, एसएससी आदि की परीक्षाओं में हजारों सोल्वरों से परीक्षायें दिलवा चुके है।
शकील ने पूछताछ में बताया कि वह लोग बडौत के अरविन्द राणा व कवि निवासी बागपत के साथ भी मिलकर यह धंधा चला रहे है। पकडे गए सोल्वरों मंदीप ने पूछताछ में बताया कि एक अभ्यर्थी की परीक्षा देने की ऐवज में हमें 02 लाख रूपये मिलते है।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह ने प्रत्येक परीक्षार्थी से नकल के नाम पर  पांच से आठ लाख रुपये वसूले थे। इनके कब्जे से 26 मोबाइल, 10 लाख 8 हजार रुपए, प्रिंटर, लैपटॉप, तीन कारें और भारी मात्रा में छात्रों के दस्तावेज मिले हैं।
उधर सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा में सुबह की पाली में दूसरे परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहे एक मुन्नाभाई को गिरफ्तार किया गया है। परीक्षा के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक संजीव बाजपेई ने बताया की अभी तक की जांच पड़ताल में सामने आया है की अभ्यर्थी दूसरे अभ्यर्थी के नाम पर परीक्षा देने पहुंचा था।
वेंकटेश्वरा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एनएच-58 से पकड़ा गया आरोपी गंगा सिंह निवासी धौलपुर, राजस्थान बताया गया है। यह राम लखन के नाम पर परीक्षा दे रहा था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर एडमिट कार्ड और अभ्यर्थी के मूल कागजातों की जांच शुरू कर दी है।
वहीं आगरा जिले के सिकंदरा से भी एक सॉल्वर को पकड़ा गया है। सिकन्दरा के पनवारी स्थित बाल मुकुंद इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रहा सॉल्वर जय प्रकाश बिहार के बक्सर जिले के हमीरपुर का रहने वाला है। वह यहां अलीगढ़ के थाना गोदाम स्थित कैंट निवासी हेमंत की जगह पर लिखित परीक्षा दे रहा था। उधर जनपद एटा में भी भाई की जगह परीक्षा देने वाले मुन्नाभाई को पकड़ा गया है।

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