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छोटे उद्योग धंधों में भी सुरक्षा की दृष्टि से विचार आवश्यक है: नाईक

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राज्यपाल ने रसायनिक और औद्योगिक आपदा प्रबंधन पर आयोजित संगोष्ठी का किया उद्घाटन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा मंगलवार को होटल ताज में आयोजित संगोष्ठी ‘रसायनिक और औद्योगिक आपदा प्रबंधन’ का उद्घाटन किया।

संगोष्ठी में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव राजीव कुमार, औद्यौगिक विकास आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय, सरकारी विभाग एवं फिक्की से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि औद्योगिक परिवेश में सुरक्षित वातावरण एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। बड़े औद्योगिक संस्थान के साथ-साथ छोटे उद्योग धंधों में भी सुरक्षा की दृष्टि से विचार आवश्यक है।

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दुर्घटना होने के बाद सुरक्षा पर ध्यान जाता है जबकि थोड़ा ध्यान देने से बड़ी दुर्घटना रोकी जा सकती है। समय-समय के अंतराल पर मॉक ड्रिल ऐसी दुर्घटना को रोकने में लाभदायक होता है।
संगोष्ठी केवल भाषणों तक सीमित न रहे इसलिये संगोष्ठी के निष्कर्ष पर विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उस पर प्रभावी क्रियान्वयन भी हो। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से औद्योगिक घराने समग्रता से विचार करें।
नाईक ने कहा कि यह संगोष्ठी उत्तर प्रदेश की दृष्टि से अधिक महत्व की है। गत माह फरवरी में इंवेस्टर्स समिट में रूपये 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं तथा बड़ी संख्या में अनुबंध पत्र पर भी हस्ताक्षर हुये हैं।
‘एक जनपद-एक उत्पाद’ जैसे महत्वाकांक्षी योजना में भी सुरक्षा के पर्याप्त नियम होने चाहिए। निवेशकर्ता की प्राथमिकता होती है कि निवेश और लाभ सुरक्षित हो।
निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश में नये उद्योग स्थापित होने वाले हैं। प्रदेश केवल कृषि विकास नहीं बल्कि औद्योगिक विकास में भी आगे हो। जहाँ दुर्घटना की संभावना है वहाँ स्वास्थ्य सेवा, नागरिक सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है।

भविष्य का ध्यान रखते हुये नवोनमेष से परिपूर्ण योजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित परिवेश के लिये जागरूकता और मानसिक परिवर्तन विचार का विषय है।

उद्योगों के लिए लाभकारी नीतियाँ लाने का प्रयास कर रही है सरकार: महाना

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने सुरक्षा के उचित प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से जागरूकता लाने की जरूरत है।
सरकार औद्योगिक सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है तथा उद्योगों के लिए लाभकारी नीतियाँ लाने का प्रयास कर रही है। थोड़ा सा पैसा लगाकर बहुत कुछ बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल नियमों की खानापूर्ति न करके औद्योगिक घराने जनहित में विचार करें।

दुर्घटना का ज्यादातर कारण छोटी सी मानवीय चूक होनी है : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने भोपाल, गुजरात, आंध प्रदेश और इंदौर में हुई बड़ी दुर्घटनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है। दुर्घटना का ज्यादातर कारण छोटी सी मानवीय चूक होना होती है। लघु उद्योगों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया।

सुरक्षा पर खर्च करना देशहित में है : आयुक्त

औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि औद्योगिक परिवेश में परिचालन सुरक्षा और कानूनी ढांचा जरूरी है। ईकाई के स्तर पर सुरक्षा के दृष्टि से व्यापक सुरक्षा होनी चाहिए।
सुरक्षा पर खर्च करना देशहित में है। उद्योगों में कई जगह हेलमेट आवश्यक होता है लेकिन उसकी अनदेखी होती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित वातावरण के लिए मानव संसाधन की भागीदारी सुनिश्चित करें।

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