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कुम्भ में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध करायेगा सिंचाई विभाग: धर्मपाल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पावन भूमि तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) में आयोजित होने वाले कुम्भ 2019 में श्रृद्धालुओं को स्नान के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो सके इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ.प्र. ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
यह जानकारी देते हुए सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिक) मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी के कारण इलाहाबाद में गंगा नदी का जल स्तर काफी कम हो जाता है। पिछले 7 साल के 28 जून के इलाहाबाद में जल उपलब्धता के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि इलाहाबाद के फाफामऊ में गंगा नंदी का जल स्तर वर्ष 2012 में 75.730, 2013 में 78.760, 2014 में 76.290, 2015 में 75.920, 2016 में 75.990, 2017 में 76.650 तथा 2018 में 76.190 मीटर रहा है।
उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है वर्तमान में इलाहाबाद में गंगा नदी का जल स्तर विगत वर्षों के सापेक्ष लगभग सामान है। श्री सिंह ने कहा कि वर्षा अवधि के समय जल स्तर में बढ़ोत्तरी होती रहती है। फिर भी कुम्भ मेले में स्नान हेतु मुख्य पर्वों पर सामान्यता फाफामऊ में 76.60 मी0 का जल स्तर बनाये रखने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा किया जायेगा।

सिंचाई मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार से उ.प्र. की सरकार द्वारा बनारस में गंगा नदी के जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हेतु सार्थक प्रयास किये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि कुम्भ मेंले के आयोजन के समय इलाहाबाद में गंगा नदी में जल उपलब्धता बनाये रखने हेतु मा0 उच्च न्यायालय में योजित पी0आई0एल0 सं0-4003/2006 के अन्तर्गत उच्च न्यायालय के निदेर्शों की अनुपालन करने हेतु उत्तराखण्ड राज्य में स्थित टेहरी डैम से निरन्तर 1000 क्यूसेक जल अतिरिक्त जल प्राप्त कर नरौरा बैराज के डाउन स्ट्रीम में 4000 क्यूसेक जल का डिस्चार्ज सम्पूर्ण मेला अवधि में सुनिश्चित किया जाता है।

सिंचाई मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में टेहरी जलाशय से लगभग 8000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने हेतु टेहरी हाइड्रो डेवलेपमेन्ट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) से उच्च स्तरीय अनुरोध किया गया है।

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