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कबीर को पढ़ लेते पीएम मोदी तो नफरत की राजनीति से तौबा करते: अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरूवार को संत कबीरदास की तपोभूमि मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी पर निशाना और कहा कि बड़े दुःख और क्षोभ की बात है कि भाजपा-संघ नेतृत्व अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए महापुरूषों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी यदि संतकबीरदास को पढ़ लेते तो नफरत की राजनीति से तौबा कर लेते, भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते और देश में असहिष्णुता और लोगों में दहशत नहीं होती। 
मगहर की जनसभा में पीएम मोदी के सपा पर कटाक्ष करने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा कि कितने अफसोस की बात है कि संतकबीर के निर्वाण दिवस और 620वें प्राकट्य दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी कबीर दास को श्रद्धांजलि देने के नाम पर विपक्ष मूलतः समाजवादी दल पर निशाना साधते रहे।
अच्छा होता वे (पीएम मोदी) कबीरदास जी के दर्शन से प्रेरणा लेते, अपनी आत्मशुद्धि करते और नफरत की राजनीति से तौबा करते। उन्होंने कहा कि जाति-धर्म से ऊपर उठकर अंधविश्वासों पर गहरी चोट करने वाले संत कबीर दास ने अपने समय की तमाम कुरीतियों पर चोट की थी।
उनके लिए हिन्दू-तुर्क एक समान थे। अगर पीएम मोदी कबीर को पढ़ लेते तो भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते। तब देश में असहिष्णुता और समाज के एक बड़े वर्ग में दहशत नहीं होती। लेकिन लगता है भाजपा को लोकतंत्र से परहेज है और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की आदत है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की संपूर्ण राजनीति और नीति-कार्यक्रम सब सत्ता के इर्द-गिर्द घूमते हैं। सन् 2019 में केन्द्र में अपनी सत्ता की वापसी के लिए भाजपा-संघ कुछ भी करने को तैयार हैं।
इसी कड़ी में भाजपा और पीएम मोदी ने संत कबीरदास के 500वें निर्वाण दिवस पर मगहर में उनके बहाने देशभर में फैले उनके (कबीरदास) करोड़ो अनुयायियों को अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश की और इसी बहाने बुनकरों तथा अति पिछड़ों का समर्थन जुटाने का भोंडा प्रयास किया है।

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